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VPN सर्विस प्रोवाइडर्स और दिग्गज टेक कंपनियों को सरकार की दो टूक, नियमों का पालन करें या भारत से चले जाएं

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VPN सर्विस प्रोवाइडर्स और दिग्गज टेक कंपनियों को सरकार की दो टूक, नियमों का पालन करें या भारत से चले जाएं

VPN Service Providers: ऐसे वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) सेवाप्रदाता जो नये दिशानिर्देशों का पालन करने को तैयार नहीं हैं, उनके पास भारत से बाहर निकलने का ही विकल्प है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने साइबर अपराध की घटनाओं के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) को जारी करते हुए यह बात कही.

उन्होंने कहा कि हर अच्छी कंपनी या संस्था समझती है कि एक सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट से उन्हें मदद मिलेगी. चंद्रशेखर ने कहा, किसी के पास यह कहने का कोई विकल्प नहीं है कि हम भारत के नियमों और कानूनों का पालन नहीं करेंगे. यदि आपके पास लॉग नहीं हैं, तो लॉग को सुरक्षित रखना शुरू करें.

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यदि आप ऐसे वीपीएन हैं, जो छुपाना चाहता है और उपयोगकर्ताओं को गुमनाम रखना चाहता है, और अगर आप कानूनों का पालन करना नहीं चाहते हैं, और अगर आप बाहर जाना चाहते हैं, तो समझ लीजिए आपके पास बाहर निकलने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है.

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने क्लाउड सेवा प्रदाताओं, वीपीएन फर्मों, डेटा सेंटर कंपनियों और वर्चुअल प्राइवेट सर्वर प्रदाताओं के लिए उपयोगकर्ताओं के डेटा को कम से कम पांच साल के लिए सुरक्षित रखना अनिवार्य कर दिया है. कुछ वीपीएन कंपनियों ने दावा किया है कि नये नियम से प्रणाली में साइबर सुरक्षा संबंधी कमियां हो सकती हैं. हालांकि, इस तर्क को मंत्री ने खारिज कर दिया था.

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