विमान या तो जमीन पर ही खड़े रहेंगे या फिर देर से उड़ेंगे
अमेरिकी एयरलाइन कंपनियों का कहना है कि वायरलेस सेवा के कारण आनेवाली बाधा जितनी बड़ी सोची गई थी, उससे कहीं ज्यादा बड़ी है. एयरपोर्ट के आसपास अगर 5जी वायरलेस नेटवर्क हुआ, तो विमान या तो जमीन पर ही खड़े रहेंगे या फिर देर से उड़ेंगे. बता दें कि टेलीकॉम कंपनियों और एफएए (फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन) के बीच समझौते के तहत 5जी वायरलेस सर्विस को लगातार टाला जाता रहा है. अमेरिकी एयरलाइन कंपनियों का कहना है कि 5G टेक्नोलॉजी विमानों को बेकार कर सकती है.
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विमानों का रनवे पर रुकना मुश्किल हो जाएगा
नयी 5जी सर्विस रेडियो स्पेटक्ट्रम के एक ऐसे हिस्से का इस्तेमाल करती है जो उस स्पेक्ट्रम के करीब है जिसका इस्तेमाल अल्टीमीटर करते हैं. अल्टीमीटर ही वह इक्विपमेंट है, जो विमान की धरती से ऊंचाई मापते हैं. अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने कहा था कि 5G के चलते विमान के रेडियो अल्टीमीटर पर प्रभाव पड़ सकता है जिससे इंजन और ब्रेकिंग सिस्टम जाम हो सकता है और इस वजह से विमानों का रनवे पर रुकना मुश्किल हो जाएगा.
क्या होता है अल्टीमीटर?
अल्टीमीटर वह उपकरण होता है, जो पायलट को विमान को लैंड करने में मदद करता है. अल्टीमीटर से ही पता चलता है कि विमान और जमीन के बीच कितनी दूरी है. इसकी मदद से पायलट विमान की सेफ लैंडिंग करवा सकता है. अल्टीमीटर 4.2 से 4.4 GHz की फ्रीक्वेंसी पर काम करता है. वहीं, 5G की फ्रीक्वेंसी 3.7 से 3.98 GHz है. 5G और अल्टीमीटर की फ्रीक्वेंसी में ज्यादा दूरी नहीं होने की वजह से इन पर खतरनाक असर पड़ने की आशंका है.
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