वित्तीय जांच एजेंसी ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के निर्णायक प्राधिकरण ने फेमा की धारा 16 के अंतर्गत शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, उसके दो अधिकारियों, सिटी बैंक, एचएसबीसी बैंक और डच बैंक एजी को नोटिस भेजे हैं.
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फेमा मामले की जांच पूरी होने के बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है और जब मामले का निपटान होता है तो आरोपी को उल्लंघन राशि का तीन गुना तक जुर्माना चुकाना पड़ सकता है. जांच एजेंसी ने कहा कि शाओमी के साथ जैन और राव को भी यह नोटिस भेज दिया गया है.
एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने कहा है कि शाओमी इंडिया अपनी पैरेंट कंपनी को साल 2015 से पैसे भेज रही थी और इस मामले की जांच में पाया गया है कि साल 2014 से भारत में काम करना शुरू करने के एक साल बाद ही शाओमी इंडिया ने ये पैसे भेजना शुरू कर दिया था.
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ईडी ने इससे पहले अवैध धनप्रेषण के मामले में शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खातों में जमा 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त कर लिये थे. बता दें कि चीनी कंपनी शाओमी लंबे समय से स्मार्टफोन भारत में ही बना कर बेच रही है. अभी तक अधिकतर पार्ट चीन या अन्य देशों से आते थे. अब स्थिति बदलनेवाली है. शाओमी अब अपने फोन की कीमत के लगभग 50 प्रतिशत के बराबर पार्ट भारत से ही खरीदेगी. (भाषा इनपुट के साथ)