सपने, संघर्ष व सफलता की कहानी

।।विजय बहादुर ।।... फेसबुक से जुड़ेंटि्वट से जुड़ेंइमेल करें – vijay@prabhatkhabar.in सुदूर गांव से, आदिवासी इलाकों से, अनपढ़ ( याद रखिएगा मूर्ख नहीं) औरतों से मिलना होता है, तो मन जोश से भर जाता है. खुद से सवाल पूछता हूं कि सपने क्या होते हैं. क्या सपनों का बोझ इतना होता है कि कोई नौजवान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 16, 2018 4:46 PM
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।।विजय बहादुर ।।

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सुदूर गांव से, आदिवासी इलाकों से, अनपढ़ ( याद रखिएगा मूर्ख नहीं) औरतों से मिलना होता है, तो मन जोश से भर जाता है. खुद से सवाल पूछता हूं कि सपने क्या होते हैं. क्या सपनों का बोझ इतना होता है कि कोई नौजवान फांसी पर लटक कर अपनी जान दे दे या सपनों में इतनी ताकत होती है कि उस नौजवान को अपनी मंजिल तक पहुंचा दे. सपने और सवाल को लेकर आज गांव की दो महिलाओं की जिंदगी की कहानी रख रहा हूं. इन दोनों कहानियों में सपने हैं, चाहत है, संघर्ष है और सफलता भी है.

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