।।विजय बहादुर।।
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यूपीएससी के नतीजे घोषित होने के साथ ही अखबार, टीवी और अन्य मीडिया इस परीक्षा में सफल होने वाले युवा और युवतियों की सफलता की कहानी आपको सुना रहे हैं. एक से बढ़ कर एक संघर्ष की कहानियां हैं, जिनको पढ़ कर बहुत सारे लोग प्रेरित होते हैं. हर बार परीक्षा के रिजल्ट आने के बाद कोई न कोई रोल मॉडल समाज और खासकर युवाओं के बीच आता है, जो विषम हालात में अपनी तकदीर बदलते हैं. इस बार के यूपीएससी के रिजल्ट के बाद अनु कुमारी की सफलता सभी के लिए एक नजीर की तरह है. अनु को महिला कैंडिडेट में शीर्ष और ओवरऑल दूसरा रैंक मिला है.
अनु की कहानी सुनिए, तो आप बहुत निराश हो, तो भी आपमें आस जग जायेगी. आपको यह लगेगा कि अनु की तरह सफलता आपके बिल्कुल आस-पास में ठिठकी या रूकी पड़ी है. अनु की सफलता आधी आबादी और खासकर गृहणियों के लिए विशेष रूप से प्रेरणादायक है. अनु की सफलता की कहानी से संबंधित बहुत सारे विडियो यू-ट्यूब पर है. गांव-गिराव में रहने वाले पंचायतनामा के पाठकों के लिए भी हमने हरियाणा की अनु से टेलीफोन पर बात की. बहुत सकुचाते हुए अनु ने बताया कि कैसे एक बार उसके भाई ने अपने मन से उसके लिए यूपीएससी का फार्म भर दिया था और यूपीएससी की प्रीम्स में मात्र एक नंबर से वह पिछड़ गयी.