Alamnagar: क्या टूटेगी, JDU के नरेंद्र नारायण यादव की बादशाहत?

Alamnagar Vidhan Sabha Chunav 2025 : आलमनगर विधानसभा सीट मधेपुरा जिले की एक महत्वपूर्ण सामान्य श्रेणी की सीट है, जहां यादव और मुस्लिम वोटर निर्णायक माने जाते हैं. JDU के नरेंद्र नारायण यादव यहां 1995 से लगातार जीतते आ रहे हैं.

By Pratyush Prashant | July 10, 2025 8:07 PM
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Alamnagar Vidhan Sabha Chunav 2025 : बिहार की आलमनगर विधानसभा सीट इस बार एक बार फिर से सियासी मुकाबले के केंद्र में है. मधेपुरा जिले की यह सामान्य श्रेणी की सीट यादव और मुस्लिम बहुल क्षेत्र मानी जाती है. यहां की सामाजिक बनावट में राजपूत, ब्राह्मण, कोइरी, कुर्मी, रविदास और पासवान जातियां भी निर्णायक भूमिका निभाती हैं. इस सीट की भौगोलिक खासियत यह है कि यह सहरसा, खगड़िया, भागलपुर, नवगछिया, कटिहार और पूर्णिया जिलों से सटी हुई है, जिससे इसके चुनावी तापमान पर दूर-दराज के क्षेत्रों की भी नजर रहती है.

यादव समुदाय की मजबूत पकड़

JDU के वरिष्ठ नेता नरेंद्र नारायण यादव लगातार 1995 से चुनाव जीतते आ रहे हैं. उन्होंने 2015 में LJP के चंदन सिंह को 44 हजार वोटों से हराया था और 2020 में छठी बार जीत दर्ज की. उनका राजनीतिक कद इतना बड़ा रहा है कि 2014 में नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री पद की रेस में उनका नाम भी चला था.

मधेपुरा की राजनीति को लेकर एक मशहूर कहावत है – “रोम पोप का, मधेपुरा गोप का” और आलमनगर में गोप यानी यादव समुदाय की पकड़ लंबे समय से कायम है.

1990 से पहले कांग्रेस का गढ़ रही है ये सीट

1951 में ही इस सीट का गठन हो गया था. तब इस सीट पर हुए पहले चुनाव में गैर कांग्रेसी उम्मीदवार तनुकलाल यादव जीते थे. बाद में 1957 से 1972 तक लगातार पांच चुनावों में यहां से कांग्रेस उम्मीदवार जीतते रहे. इनमें से दो बार कांग्रेस से यदुनंदन झा और तीन बार विद्याकर कवि जीतने में कामयाब रहे. 1977 में जब पूरे देश में जनता पार्टी की लहर थी, तब यहां से वीरेंद्र कुमार सिंह जीते. 1980 में फिर से यहां से कांग्रेस की जीत हुई. 1990 में वीरेंद्र सुमार सिंह दोबारा जनता दल के टिकट पर चुने गए लेकिन 1995 से लगातार नरेंद्र नारायण यादव जीतते आ रहे हैं.

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अब देखना यह है कि क्या नवीन निषाद नरेंद्र नारायण यादव के विजय रथ को रोक पाएंगे या एक बार फिर ‘गोप’ का झंडा ऊंचा रहेगा.

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