Baniapur Assembly constituency: कांग्रेस से राजद तक का सफर, भाजपा के लिए अब भी चुनौती बनी बनियापुर सीट
Baniapur Assembly constituency: बनियापुर विधानसभा सीट सारण जिले में स्थित है, जहां कांग्रेस और राजद का वर्चस्व रहा है. भाजपा को अब तक यहां जीत नहीं मिली, हालांकि लोकसभा में उसका प्रदर्शन मजबूत रहा है. 2019 में भाजपा ने भारी अंतर से जीत दर्ज की, लेकिन विधानसभा में उसे अभी चुनौती कायम है. रणनीतिक बदलाव से भविष्य में मौका बन सकता है.
By Nishant Kumar | July 11, 2025 8:31 PM
Baniapur Assembly constituency: बनियापुर विधानसभा सीट, जो बिहार के सारण जिले में है, एक लंबा और उतार-चढ़ाव भरा राजनीतिक इतिहास रखती है. शुरुआती दौर में यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही, जहां उमा पांडे जैसे नेताओं ने कई बार जीत दर्ज की. 1977 में जनता पार्टी की लहर में रामकांत पांडे ने कांग्रेस को हराया, लेकिन इसके बाद कांग्रेस ने 1980 और 1985 में वापसी की. 1990 के बाद जनता दल और फिर विभिन्न दलों के उम्मीदवारों का प्रभाव बढ़ा. 2000 में मनोरणजन सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की और बाद में एलजेपी और जदयू के टिकट पर भी विजयी हुए.
बनियापुर में भाजपा को नहीं मिली जीत
2010 से 2020 तक यह सीट राजद के नेता केदारनाथ सिंह के प्रभाव में रही, जिन्होंने लगातार तीन बार जीत दर्ज की. भाजपा की बात करें तो यह पार्टी अब तक इस सीट को जीत नहीं सकी है. 2015 में भाजपा के तारकेश्वर सिंह ने ज़रूर कड़ी टक्कर दी थी और 35% से अधिक वोट प्राप्त किए थे, लेकिन वे हार गए. 2020 में भाजपा सीधे मुकाबले में नहीं दिखी और गठबंधन सहयोगी वीआईपी को प्रमुख स्थान मिला.
हालांकि विधानसभा स्तर पर भाजपा का प्रदर्शन सीमित रहा है, लेकिन लोकसभा चुनावों में इसने अपनी ताकत दिखाई है. 2014 में भाजपा प्रत्याशी जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि 2019 में उन्होंने भारी अंतर से जीत दर्ज कर यह दिखा दिया कि भाजपा को क्षेत्र में जनसमर्थन मिल रहा है. फिर भी, विधानसभा सीट पर आरजेडी की पकड़ कायम है. भाजपा के लिए यह क्षेत्र चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन लोकसभा चुनावों की सफलता इसे विधानसभा में भी विस्तार का अवसर दे सकती है. स्थानीय रणनीति और मजबूत उम्मीदवार भाजपा की किस्मत बदल सकते हैं.