घर-घर सत्यापन में हुआ बड़ा खुलासा
बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर की गई तीन चरणों की जांच में पाया गया कि करीब 35.7 लाख वोटर अपने पते पर नहीं मिले. इनमें 12.55 लाख मतदाताओं के मृत होने की आशंका है, 17.37 लाख के स्थायी रूप से दूसरी जगह बसने की संभावना जताई गई है. 5.76 लाख लोग एक से ज्यादा स्थानों पर दर्ज हैं.
राजनीतिक दलों की भी भागीदारी
इन संदिग्ध मामलों की पुष्टि के लिए आयोग 18 जुलाई से सभी जिलों में राजनीतिक दलों के अध्यक्षों और 1.5 लाख बूथ स्तर एजेंटों के साथ जानकारी साझा करेगा. इससे वे 25 जुलाई तक स्थिति स्पष्ट कर सकेंगे. वैसे लोग बीएलओ की तीन बार की विजिट करने के बावजूद घर पर नहीं मिले उनके लिए अलग से सत्यापन अभियान चलाया जाएगा.
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शहरी वार्डों में विशेष कैंप
एक से अधिक स्थानों पर दर्ज मतदाताओं की जानकारी भी राजनीतिक दलों से साझा की जाएगी ताकि क्रॉस-चेकिंग हो सके. शहरी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए राज्य के 261 शहरी निकायों के 5683 वार्डों में विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं. बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर के बीच विधानसभा चुनाव की संभावना है. इसकी आधिकारिक तिथि अभी घोषित नहीं हुई है.
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