पटना के डीएम ने की अपील
राजधानी पटना की बात करें तो, 4906 बीएलओ को इस काम में लगाया गया है. इसके साथ अन्य 500 वॉलेंटियर्स भी शामिल हैं. इधर, पटना के डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम के मुताबिक, मृत लोगों के साथ-साथ जो दूसरे शहर में शिफ्ट हो गए हैं और जो योग्य नहीं हैं, ऐसे मतदाताओं का नाम हटाना है. घर में जितनी भी संख्या में वोटर हैं तो उन सबके नाम की पुष्टि करने के बाद फॉर्म जमा करना अनिवार्य है. इतना ही नहीं, पटना के डीएम ने अपील भी की है कि, सभी मतदाता इस प्रक्रिया को गंभीरता से लें, जिम्मेदारी से सभी प्रक्रिया को पूरा करें ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से मतादाता सूची तैयार हो सके.
ऑनलाइन भी जमा कर सकते हैं फॉर्म
जानकारी के मुताबिक, पुनरीक्षण के बाद 1 अगस्त को मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन होगा. जिसके बाद इस पर 1 सितंबर तक दावा या फिर आपत्ति दे सकेंगे. तो वहीं, तमाम प्रक्रिया के बाद अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 30 सितंबर को होगा. याद दिला दें कि, 1987 से 2003 के बीच जन्म लेने वालों को जन्मस्थान का प्रमाण और माता का दस्तावेज देना होगा. 2003 के बाद जन्मे लोगों के लिए माता-पिता का प्रमाणपत्र जरूरी है. फिलहाल की बात करें तो, फॉर्म के साथ 11 तरह के साक्ष्य में से कोई एक जमा करने का निर्देश है. लेकिन, अगर किसी मतदाता के पास इनमें से कोई दस्तावेज नहीं है तो वह जमीन के कागजात या फिर होल्डिंग की रसीद से अगर ईआरओ संतुष्ट हो जाता है, तो फिर वह मान्य होगा. वोटर्स ऑनलाइन फॉर्म जमा कर सकते हैं.
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