फरवरी 2005 में विधायक बने अधिकांश सवर्ण
फरवरी 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में लोजपा ने 178 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे,जिसमें 29 सीटों पर विजयश्री मिली थी. तब पार्टी की कुल वोट शेयर भी बढ़ी और यह बढ़कर 12.62 %हो गया.लेकिन चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार पर गौर करें तो अधिकांश सवर्ण थे और दबंग माने जाते थे. हालांकि पार्टी के सिंबल पर चुनाव जीते 18 विधायक बाद में साथ छोड़ गए थे.वहीं,नवंबर 2005 में लोजपा 203 सीटों पर चुनाव लड़ी,10 सीट पर ही सफलता मिली थी. जिसमें दो दलित वारिशगनर समस्तीपुर से महेश्वर हजारी और खगड़िया के अलौली से पशुपति कुमार पारस चुनाव जीते थे.बाकी के आठ सीटों पर राजपूत,भूमिहार और अन्य सवर्ण वर्ग के उम्मीदवार थे. पार्टी को चुनाव में कुल 11.10 %वोट मिले थे.
2010 तीन ही उम्मीदवार जीते,तीनों सामान्य
नवंबर 2010 चुनाव में लोजपा के तीन ही उम्मीदवार जीते,वोट शेयर 6.74%
नवंबर 2010 विधानसभा चुनाव में रामविलास पासवान ने कांग्रेस का साथ छोड़ लालू प्रसाद यादव के साथ गठबंधन कर चुनावों में उतरे थे, लेकिन विधानसभा चुनाव के नतीजों ने उनके अरमानों पर एक बार फिर पानी फेर दिया. राजद के साथ गठबंधन में पासवान को 75 सीटें मिली थीं, जिनमें सिर्फ 3 पर ही उनके उम्मीदवार जीत दर्ज कर पाए थे. तीनों उम्मीदवारों ने सामान्य सीट से जीत हिसाल की थी.जिसमें अररिया से जाकिर हुसैनख,भभुआ से डॉ.प्रमोद कुमार सिंह और ठाकुरगंज से नौशाद आलम.
2015 एक ब्राह्मण और एक बनिया चुनाव जीते
2015 विधानसभा चुनाव में लोजपा को दो ही सीट पर जीत मिली थी.एक ब्राह्मण और एक बनिया थे.गोबिंदगंज से राजू तिवारी और लालगंज से राज कुमार साह. पार्टी का वोट शेयर भी खिसकर 4.83% पर आग गया था.वर्ष 2015 बिहार में काफी उथल-पुथल भरा रहा था. रामविलास पासवान एक बार पाला बदल एनडीए में शामिल हो गए थे.इस बार एनडीए में शामिल लोजपा को लड़ने के लिए 42 सीटें मिली थीं. पार्टी ने अधिकांश सवर्ण को अपने टिकट पर चुनाव लड़ाइ थी.
2020 में की सूची में अधिकतर सवर्ण
2020 में चिराग ने एनडीए से बगावत कर 137 उम्मीदवार थे. एक ही सीट पर जीत मिली थी.इस चुनाव में भी चिराग ने 70% सवर्ण उम्मीदवार पर ही दांव लगाया था.हालांकि पार्टी की वोट शेयर में थोड़ी बढ़ोतरी हुई. अब सवाल उठता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में चिराग कितना और किस वर्ग के लोगों को टिकट देते हैं.
Also Read: छठ के बाद बिहार में विधानसभा चुनाव के आसार, 22 साल बाद आयोग जांच रहा वोटर लिस्ट