Bihar Politics: अविश्वास प्रस्ताव के दिन कहां थीं? EOU के सवालों से घिरीं बीमा भारती, बोलीं- मुझे फंसाया गया है…

Bihar Politics: नीतीश सरकार के विश्वास मत के दौरान विधायकों को प्रलोभन देने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने जांच तेज कर दी है. इसी कड़ी में बुधवार को राजद नेता और पूर्व मंत्री बीमा भारती से चार घंटे तक पूछताछ की गई, जबकि जदयू के तीन विधायकों को भी नोटिस जारी कर अगस्त में पूछताछ के लिए बुलाया गया है.

By Abhinandan Pandey | July 31, 2025 12:26 PM
an image

Bihar Politics: बिहार की राजनीति में फरवरी 2024 में हुए विश्वास मत के दौरान विधायकों को प्रलोभन देने के आरोपों की जांच अब तेज हो गई है. इस सिलसिले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने बुधवार को पूर्व मंत्री और राजद नेता बीमा भारती से करीब चार घंटे तक गहन पूछताछ की. बीमा भारती ईओयू के कार्यालय में दूसरी बार पेश हुईं.

बीमा भारती से पूछे गए कई तीखे सवाल

पूछताछ के दौरान बीमा भारती से उनके मोबाइल लोकेशन, राजनीतिक गतिविधियों और संदिग्ध संपर्कों को लेकर कई तीखे सवाल पूछे गए. सूत्रों के मुताबिक, जब अधिकारियों ने उन्हें झारखंड में उनकी मौजूदगी से जुड़े तकनीकी साक्ष्य दिखाए, तो वे असहज हो गईं. हालांकि उन्होंने सफाई दी कि वे उस समय पश्चिम बंगाल में माता के दर्शन करने गई थीं.

ईओयू के सामने पूछताछ के बाद बाहर निकलते हुए पत्रकारों से बातचीत में बीमा भारती ने कहा, “मैं निर्दोष हूं, मुझे साजिश के तहत फंसाया गया है. मैंने सरकार को अस्थिर करने की कोई कोशिश नहीं की. हर सवाल का जवाब दिया है.”

डॉ. संजीव को भी पूछताछ के लिए नोटिस

उधर, ईओयू ने जदयू के परबत्ता विधायक डॉ. संजीव को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है. उन्हें अगस्त के पहले सप्ताह में कार्यालय में हाजिर होने को कहा गया है. इस दौरान अनुसंधान में सामने आए तथ्यों के आधार पर उनका बयान दर्ज किया जाएगा.

नरकटियागंज और मनेर के विधायक को भी नोटिस

इसके अलावा पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज से विधायक फजले हक अंसारी और मनेर के विधायक मोनू कुमार को भी पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया है. सभी को ईओयू कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश दिया गया है.

जदयू विधायक के बयान पर आधारित है यह मामला

यह मामला मूल रूप से हरलाखी के जदयू विधायक सुधांशु शेखर के बयान पर आधारित है, जिनके अनुसार फरवरी में नीतीश सरकार के विश्वास मत के दौरान कुछ विधायकों को पक्ष बदलने के लिए प्रलोभन दिए गए थे. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे पटना के कोतवाली थाने से स्थानांतरित कर आर्थिक अपराध इकाई को सौंपा गया था.

Also Read: बिहार चुनाव 2025: महागठबंधन में सीट बंटवारे पर संग्राम, VIP से लेकर वाम दलों तक ने ठोकी अपनी-अपनी दावेदारी

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version