सुपर 30 वाले आनंद कुमार के भाई राजद में शामिल, तेजस्वी यादव ने दिलाई सदस्यता
Bihar Politics: प्रणव कुमार की उम्मीदवारी और राजद में उनकी भूमिका को लेकर बिहार की सियासत में चर्चा गर्म है. माना जा रहा है कि उनकी छवि और सुपर 30 की साख का फायदा राजद को चुनावी मैदान में मिल सकता है. साथ ही, यह कदम राजद की रणनीति को और मजबूत करने में मददगार साबित हो सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सामाजिक और शैक्षिक मुद्दे मतदाताओं के लिए अहम हैं.
By Ashish Jha | July 17, 2025 10:40 AM
Bihar Politics: पटना. बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार के भाई प्रणव कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का दामन थाम लिया है. राजद नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने प्रणव कुमार को पार्टी की सदस्यता दिलाई. प्रणव कुमार के राजद में शामिल होने से पार्टी को नई ताकत मिलने की उम्मीद है. प्रणव कुमार पटना की किसी विधानसभा सीट से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि उनकी उम्मीदवारी से राजद को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मजबूती मिलेगी.
राजद के लिए बनेंगे मजबूत आधार
प्रणव कुमार, जिनके भाई आनंद कुमार ने सुपर 30 के जरिए से गरीब और वंचित बच्चों को आईआईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाकर विश्व स्तर पर ख्याति अर्जित की, अब खुद राजनीति के मैदान में उतर रहे हैं. आनंद कुमार ने सुपर 30 की स्थापना कर शिक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है. यह संस्थान गरीब परिवारों के बच्चों को मुफ्त कोचिंग प्रदान करता है, जिसके जरिए सैकड़ों छात्रों ने आईआईटी और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश पाया है. प्रणव कुमार भी इस मिशन का हिस्सा रहे हैं और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को सराहा जाता है. उनकी यह छवि राजद के लिए एक मजबूत आधार प्रदान कर सकती है, खासकर उन मतदाताओं के बीच जो शिक्षा और सामाजिक उत्थान के मुद्दों को महत्व देते हैं.
युवाओं को पार्टी से जोड़ने का करेंगे काम
तेजस्वी यादव ने प्रणव कुमार को राजद में शामिल कर एक रणनीतिक कदम उठाया है. बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजद अपनी संगठनात्मक ताकत को बढ़ाने में जुटा है. प्रणव जैसे पढ़े-लिखे और सामाजिक रूप से सम्मानित चेहरों को पार्टी में शामिल करना इस दिशा में एक बड़ा कदम है. प्रणव के राजद में शामिल होने से पहले आनंद कुमार का नाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जोड़ा जाता रहा है. आनंद और नीतीश के बीच करीबी संबंधों की चर्चा रही है, लेकिन प्रणव का राजद में शामिल होना एक नया सियासी समीकरण बनाता है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रणव का यह कदम राजद को न केवल युवा और शिक्षित मतदाताओं के बीच लोकप्रियता दिला सकता है, बल्कि विपक्षी दलों के लिए भी एक चुनौती पेश कर सकता है.