पटना जिले में अब तक कुल 50,47,194 मतदाता पंजीकृत थे. अभियान के बाद यह संख्या घटकर 46,51,983 रह जाएगी. निर्वाचन विभाग के अनुसार, सभी हटाए जा रहे नामों का सत्यापन बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) द्वारा घर-घर जाकर किया गया है.
मृत, अनुपस्थित और स्थानांतरित वोटरों की संख्या बड़ी
सत्यापन के दौरान सामने आया कि 1,34,145 वोटर यानी 2.66 प्रतिशत मृत पाए गए. इसके अलावा 1,54,992 यानी 3.07 प्रतिशत मतदाता स्थायी रूप से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित हो चुके हैं. वहीं 73,624 यानी 1.46 प्रतिशत वोटर घर पर मौजूद नहीं मिले और अनुपस्थित के तौर पर चिन्हित किए गए.
इसके अलावा 32,450 वोटर ऐसे पाए गए जिनका नाम पहले से ही किसी अन्य क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज है, यानी वे डुप्लीकेट या स्थानांतरित मतदाता के श्रेणी में आते हैं.
गणना फॉर्म का कार्य पूरा, अब दावा-आपत्ति की बारी
अभियान के पहले चरण में बीएलओ द्वारा 45,14,974 यानी 89.46 प्रतिशत गणना फॉर्म जमा किए गए. वहीं 1,37,009 यानी 2.72 प्रतिशत मतदाताओं ने खुद ऑनलाइन फॉर्म भरकर भागीदारी निभाई. अब किसी भी गणना फॉर्म का निबटारा शेष नहीं है.
30 सितंबर को होगा अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन
जिन मतदाताओं के नाम छूट गए हैं, वे 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावा-आपत्ति कर सकते हैं और गणना फॉर्म भर सकते हैं. इसके बाद सूची की जांच प्रक्रिया फिर से शुरू होगी. अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 30 सितंबर को किया जाएगा.
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