क्या है राजनीतिक इतिहास ?
राजनीतिक इतिहास की बात करें तो चकाई में कई बार सत्ता परिवर्तन हुए हैं. यहां कभी कांग्रेस का दबदबा था, लेकिन समय के साथ क्षेत्रीय दलों जैसे राजद, जदयू और लोक जनशक्ति पार्टी ने भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई. 2015 के चुनाव में जदयू के सवीता देवी ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा के उम्मीदवार सतीश कुमार ने जदयू को हराकर सीट अपने नाम की. इससे यह साबित होता है कि चकाई की राजनीति में मतदाता बार-बार बदलाव को तरजीह देते हैं.
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क्या हैं मौजूदा हालात ?
चकाई विधानसभा, बिहार के जमुई जिले की सीमा पर स्थित एक संवेदनशील सीट है, जहां राजनीतिक बदलाव आम बात है. यहां कांग्रेस, जदयू और लोजपा के बीच कड़ा मुकाबला होता रहा है. वर्तमान में सतीश कुमार निर्दलीय विधायक हैं. जातीय समीकरण और विकास मुख्य चुनावी मुद्दे हैं. मौजूदा हालात की बात करें, तो चकाई में जातीय समीकरण, विकास के मुद्दे, रोजगार की कमी और नक्सली प्रभाव अब भी बड़े चुनावी मुद्दे बने हुए हैं. 2025 के विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.