मंडलयुग में रहा है RJD का दबदबा
पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का जादू कमजोर पड़ा तो बिहार की सत्ता पर नीतीश कुमार काबिज होने लगे. धीरे-धीरे लालू की आरजेडी का अवसान होने लगा और नीतीश की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) का दबदबा बढ़ता गया. लेकिन, दरभंगा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में आरजेडी कभी कमजोर नहीं पड़ी. 2005 के चुनाव में उसके प्रत्याशी पितांबर पासवान ने, जबकि अगले दो चुनावों 2010 और 2015 में ललित कुमार यादव ने दरभंगा ग्रामीण सीट पर कब्जा जमाए रखा.
राजद को केवल एक बार मिली है हार
1995 में भी मोहन राम आरजेडी के टिकट पर ही इस सीट से जीते थे, लेकिन साल 2000 के चुनाव में रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के प्रत्याशी सुनीति रंजन ने बाजीर मार ली. इस तरह 1995 से 2015 के पांच विधानसभा चुनाव में आरजेडी को यहां से सिर्फ एक बार मात मिल और उसने चार बार यह सीट जीती है. पिछले तीन विधानसभा चुनावों से आरजेडी ही जीतती आ रही है. इस बार पार्टी के सामने अपनी जीत बरकरार रखने की चुनौती होगी.
2015 का विधानसभा चुनाव
2015 के चुनाव में आरजेडी के सामने जीत की हैट्रिक लगाने की चुनौती थी. पार्टी ने तत्कालीन विधायक ललित कुमार को ही दोबारा टिकट दे दिया. ललित ने आरजेडी की दांव खाली नहीं जाने दी और उन्होंने इस सीट पर आरजेडी को लगातार तीसरी जीत दिला दी. ललित कुमार यादव ने 2015 के विधानसभा चुनाव में 70,557 वोट पाकर 34,491 मतों के बड़े अंतर से जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नौशाद अहमद को पटखनी दी, जिनके खाते में 36,066 वोट आए थे. यहां से पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे थे.
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