Goh Vidhan Sabha: महागठबंधन के लिए मजबूत गढ़ बना गोह विधानसभा, एनडीए में मत विभाजन बना हार की वजह

Goh Vidhan Sabha: बिहार के औरंगाबाद जिले का गोह प्रखंड मौर्यकाल से लेकर शेरशाही के दौर तक के इतिहास को अपने में समेटे हुए है. हालिया चुनावों में जातीय और राजनीतिक समीकरणों ने इसे एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए महत्वपूर्ण बना दिया है.

By Paritosh Shahi | July 14, 2025 3:51 PM
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Goh Vidhan Sabha: औरंगाबाद जिले के दाउदनगर अनुमंडल में स्थित गोह विधानसभा क्षेत्र के लोग खेती-किसानी पर निर्भर हैं. सोन और उसकी सहायक नदियों से गोह की जमीन सिंचित होती है. 2011 की जनगणना के अनुसार गोह की जनसंख्या 234400 थी. इस क्षेत्र में साक्षरता दर 53.66% है, जो राज्य की औसत दर से कम है.

सभी दलों का रहा है बोलबाला

1951 में स्थापित गोह विधानसभा क्षेत्र, काराकाट लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. यहां अब तक 16 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें कांग्रेस, भाकपा और जदयू ने चार-चार बार जीत दर्ज की है. सोशलिस्ट पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, भाजपा और राजद ने एक-एक बार यह सीट जीती है.

राजद ने पहली जीत हासिल की

2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने पहली बार यह सीट अपने नाम की. भीम कुमार सिंह ने भाजपा के मनोज कुमार शर्मा को 35618 वोटों के बड़े अंतर से हराया. 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा तीसरे स्थान पर रहे. सीपीआई(एमएल) के राजा राम सिंह कुशवाहा ने जीत दर्ज की. पवन सिंह ने भाजपा छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहे. वोटों के बंटवारे ने सीपीआई(एमएल) को सीधा लाभ पहुंचा.

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समीकरण

गोह विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 20.72 और मुस्लिम मतदाता 8.4 प्रतिशत रहते हैं. 2020 में यहां कुल 308689 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें से 59.92% ने मतदान किया. 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 317251 हो गया.

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