गोविंदगंज विधानसभा सीट पर दल नहीं शख्सियत का रहा है महत्व, सियासी जंग हर बार होती है दिलचस्प

Govindganj Vidhan Sabha Chunav 2025: गोविंदगंज विधानसभा क्षेत्र हमेशा से ही राजनीतिक हलचल का केंद्र रहा है. यहां की सियासत में हर चुनाव के साथ कुछ नया और दिलचस्प देखने को मिलता है. इस सीट पर हर पार्टी अपने-अपने दांव चलती है, और मतदाता भी हर बार अपने चुनावी फैसले से सबको चौंका देते हैं.

By Ashish Jha | July 10, 2025 2:18 PM
an image

Govindganj Vidhan Sabha Chunav 2025: मोतिहारी. गंडक और नारायणी की गोद में बसी पूर्वी चंपारण की गोविंदगंज विधानसभा सीट. यहां दल नहीं, शख्सियत मायने रखती है. नदी के छाडऩ पाकर यहां के खेत ही नहीं, राजनीतिक जमीन भी उर्वर बनती रही है. देश में गणतांत्रिक व्यवस्था लागू होने के साथ ही गोविंदगंज क्षेत्र अस्तित्व में आया. इसे मोतिहारी का पहला सांसद देने का भी गौरव हासिल है. यहीं के मंगुराहा निवासी पं विभूति मिश्रा 1952 में सांसद और कांग्रेस के ही शिवधारी पांडेय विधायक हुए. तब से दो मौकों (1969 और 1985) को छोड़ दें, तो दल कोई हो विधायक सिर्फ ब्राह्मण ही हुए. गैर ब्राह्मण विधायक बनने का श्रेय राय हरिशंकर शर्मा और योगेंद्र पांडेय के नाम रहा. ये उस दौर में भी हावी रहे, जब दलों और विचारों के आगे शख्सियतों की आवाज दब जाया करती थी।

व्यक्तित्व के आगे फीका पड़ गया था कांग्रेस का प्रभाव

यहां जातिगत चेहरे की खूब पहचान रही. तभी तो बार-बार लड़ने के बावजूद कांग्रेस नेता जयप्रकाश पांडेय विधायकी का ख्वाब देखते रह गए. वर्ष 1985 में भी विधायक रमाशंकर पांडेय को किसान नेता योगेंद्र पांडेय ने बिना किसी बैनर निर्दलीय हरा दिया. माना जाता है कि यहीं से चेहरे और शख्सियतों की राजनीति शुरू हुई थी. योगेंद्र पांडेय के राजनीतिक कद को देख लालू प्रसाद ने उन्हें अपने पाले में ले लिया. मंत्रिमंडल में जगह दे लघु सिंचाई मंत्री भी बना दिया. ऐसे में इसबार होने जा रहे विधानसभा चुनाव में क्या गोविंदगंज की सियासी जमीन पर अगले चुनाव में कोई नया मोड़ आएगा. क्या भाजपा अपनी स्थिति को बनाए रखेगी या फिर कांग्रेस कोई नया चेहरा पेश करेंगे? समय बताएगा. लेकिन एक बात तो तय है, गोविंदगंज की सियासी जंग हर बार दिलचस्प होती है, और यह सीट बिहार की राजनीति में अहम बनी हुई है.

भाजपा का अभी है सीट पर कब्जा

2020 में हुए विधानसभा चुनाव में गोविंदगंज सीट पर भाजपा के उम्मीदवार सुनील मणि तिवारी ने 65716 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी ब्रजेश कुमार को हराया, जिनके हिस्से 37936 वोट आया था. पिछले तीन विधानसभा चुनावों की बात करें तो, गोविंदगंज की राजनीति ने बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं. 2020 में गोविंदगंज विधानसभा में सुनील मणि तिवारी भाजपा ने अपनी कड़ी मेहनत और मजबूत प्रचार से चुनावी मैदान में जीत हासिल की. यह चुनावी जीत भाजपा के लिए एक बड़ी राहत थी, क्योंकि इससे पहले इस सीट पर उनकी स्थिति उतनी मजबूत नहीं थी.

Also Read: छठ के बाद बिहार में विधानसभा चुनाव के आसार, 22 साल बाद आयोग जांच रहा वोटर लिस्ट

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version