Kutumba Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार के औरंगाबाद जिले में स्थित कुटुंबा विधानसभा सीट राज्य की प्रमुख अनुसूचित जाति (SC) आरक्षित सीटों में से एक है. यह सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई और तब से ही यहां का चुनावी गणित लगातार बदलता रहा है. कभी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने यहां जीत दर्ज की, तो कभी कांग्रेस ने वापसी की. वहीं ‘हम’ (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) ने भी बीते दो चुनावों में दमदार उपस्थिति दर्ज कराकर मुकाबले को रोचक बना दिया है.
2010 में जेडीयू की लहर और ललन राम की जीत
2010 के चुनाव में जेडीयू के ललन राम ने बाजी मारी थी. उन्हें 42,559 वोट (करीब 45.5%) मिले थे. इस चुनाव में राजद और कांग्रेस दोनों पीछे रह गए. हालांकि, कांग्रेस उम्मीदवार राजेश कुमार ने 8,477 वोट हासिल कर उपस्थिति दर्ज कराई थी. यह चुनाव नीतीश कुमार की लोकप्रियता की लहर पर लड़ा गया और इसका असर कुटुंबा में साफ दिखा.
2015 में कांग्रेस की वापसी
2015 में महागठबंधन की रणनीति सफल रही और कांग्रेस के राजेश कुमार ने यहां से जीत हासिल की. उन्होंने 51,303 वोट (42.74%) के साथ जीत दर्ज की. ‘हम’ के संतोष कुमार सुमन को कड़ी टक्कर के बावजूद हार का सामना करना पड़ा. यह चुनाव कांग्रेस के लिए एक बड़ी वापसी था, जिसने लंबे समय बाद इस सीट को जीता.
2020 में फिर जीते राजेश कुमार, लेकिन ‘हम’ बनी चुनौती
2020 में भी कांग्रेस के राजेश कुमार ने इस सीट से दोबारा जीत दर्ज की, लेकिन इस बार मुकाबला कहीं अधिक कांटे का रहा. उन्होंने 50,822 वोट (36.6%) पाकर जीत हासिल की, जबकि ‘हम’ के श्रवण भुइयां को 46,409 वोट मिले. कांग्रेस की जीत का अंतर घट गया, जो यह दर्शाता है कि ‘हम’ की पकड़ इस सीट पर मजबूत हो रही है.
क्या 2025 में बदलेगा किला?
कांग्रेस जहां कुटुंबा को अपना गढ़ मानती है, वहीं ‘हम’ इसे अपने उभार की जमीन मान रही है. पिछले दो चुनावों में ‘हम’ ने लगातार दूसरे स्थान पर रहकर यह साबित किया है कि वह इस सीट पर बड़ी दावेदार है. जेडीयू और राजद का यहां से धीरे-धीरे सफाया होता दिख रहा है.
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