Bihar Election 2025: बिहार में वोटर लिस्ट पुनर्निरीक्षण को लेकर सियासत तेज, जनसुराज का चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप

Bihar Election 2025: जनसुराज पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के गहन पुनर्निरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं. पार्टी अध्यक्ष उदय सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से मुलाकात कर अपनी आपत्तियां दर्ज कराईं और दस्तावेजों की मांग को आम जनता के लिए कठिन बताया.

By Abhinandan Pandey | July 8, 2025 8:36 PM
an image

Bihar Election 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के गहन पुनर्निरीक्षण को लेकर सियासत तेज हो गई है. जनसुराज पार्टी ने इस प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की और आधिकारिक आपत्ति दर्ज कराई.

दस्तावेजों की मांग आम जनता के लिए मुश्किल: उदय सिंह

चुनाव आयोग द्वारा मांगे गए 11 दस्तावेजों को लेकर उदय सिंह ने कहा, “इनमें कई ऐसे दस्तावेज हैं, जिन्हें एक साधारण व्यक्ति के लिए जुटा पाना बेहद मुश्किल है. इससे बड़े पैमाने पर लोगों का नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है.” उन्होंने इस प्रक्रिया को जटिल, गैर-जरूरी और जनविरोधी बताते हुए कहा कि इससे आम मतदाता भ्रम में पड़ सकता है और चुनावी पारदर्शिता पर असर पड़ सकता है.

“चुनाव आयोग बन गया है भाजपा का विभाग”

प्रेस को संबोधित करते हुए उदय सिंह ने चुनाव आयोग पर सीधा हमला करते हुए कहा, “चुनाव आयोग अब एक स्वतंत्र संस्था नहीं रह गया है. वह भाजपा के एक विभाग की तरह काम कर रहा है. जनता का विश्वास कमजोर हुआ है.” उन्होंने कहा कि आयोग का यह रवैया लोकतंत्र की आत्मा पर हमला है और इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रहेगी.

चुनाव से पहले पुनर्निरीक्षण का क्या औचित्य?

उदय सिंह ने सवाल किया कि जब चुनाव में महज 2-3 महीने बचे हैं, तब गहन वोटर लिस्ट पुनर्निरीक्षण की क्या जरूरत है? उन्होंने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि यह प्रक्रिया विशेष मतदाताओं को लिस्ट से बाहर रखने की कोशिश है. हम इसे लोकतंत्र के साथ छेड़छाड़ मानते हैं.”

उच्चतम न्यायालय में मामला लंबित, फैसले की उम्मीद

जन सुराज पार्टी ने इस मुद्दे को उच्चतम न्यायालय में भी चुनौती दी है. उदय सिंह ने उम्मीद जताई कि अगले 2–3 दिनों में कोर्ट कोई बड़ा फैसला देगा, जिससे स्थिति स्पष्ट होगी और अनावश्यक विवाद खत्म होगा.

वरिष्ठ नेता भी रहे साथ

इस मौके पर उदय सिंह के साथ प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती, महासचिव किशोर कुमार मुन्ना, और पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.सी.पी. सिंह भी मौजूद रहे. सभी नेताओं ने एक सुर में आयोग की प्रक्रिया को जनविरोधी और एकतरफा बताया.

Also Read: गोपाल खेमका हत्याकांड मामले में नया मोड़! शूटर ने सुपारी के पैसों से भरी बच्चों की स्कूल फीस

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version