उपचुनाव में केदार गुप्ता को मिली थी जीत
आम चुनाव में भाजपा (जदयू-भाजपा साथ) उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता महज 712 वोटों से राजद के अनिल सहनी से चुनाव हार गए थे. केदार के भाग्य ने दो साल बाद साथ दिया. अवकाश एवं यात्रा घोटाले में राऊज एवेन्यू कोर्ट से सजा के फैसले के बाद अनिल सहनी की सदस्यता रद्द हो गई. उपचुनाव में जदयू-राजद के संयुक्त उम्मीदवार मनोज कुशवाहा को केदार गुप्ता ने करीब चार हजार वोटों से हराकर जीत दर्ज की. उपचुनाव में यह सीट हाइप्रोफाइल रही. उपचुनाव के सवा साल बाद जदयू के फिर से एनडीए में आने पर नई सरकार का गठन हुआ. इसमें केदार प्रसाद गुप्ता को भी पंचायती राज मंत्री के रूप में जगह मिल गई.
जनता की आकांक्षा नहीं हुए पूरी
मंत्री पद मिलने के बाद क्षेत्र की जनता की आकांक्षा और बढ़ गई. चुनाव के समय नया प्रखंड, विकास, रोजगार, बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क आदि वादे किए गए. इनमें से कुछ ही पूरे हो सके. एक सड़क निर्माण को छोड़ दें तो अन्य क्षेत्र में विशेष काम नहीं हुआ है. कुढ़नी विधानसभा में एक ही प्रखंड है. इसमें 37 पंचायत और दो नगर पंचायत हैं. प्रखंड को दो हिस्सों में बांटे तो एक पूरब और एक पश्चिम है. ऐसे में मनियारी को अलग प्रखंड बनाने की मांग वर्षों से है. चुनाव में यह वादा भी हुआ. पिछले दिनों केदार गुप्ता के प्रस्ताव पर ग्रामीण विकास विभाग ने रिपोर्ट जरूर मांगी, मगर यह पूर्व की तरह ठंडे बस्ते में चली गई. इससे 14 पंचायत और एक नगर पंचायत माधोपुर सुस्ता के लोगों के लिए कुढ़नी स्थित प्रखंड मुख्यालय जाना ही मजबूरी है.
कई मसलों में पिछड़ा है यह इलाका
लोगों का कहना है कि मनियारी को प्रखंड बनाने की मांग अभी भी अधूरी है, शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में भी सुधार की जरूरत है. नदियां सूख गई हैं, तटबंध निर्माण के साथ इसकी उड़ाही जरूरी. जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है, पानी संकट बढ़ता जा रहा है. हर बार चुनाव में यह मुद्दा बनता है. कुढ़नी में चीनी मिल खोलने की मांग पूरी नहीं हो सकी. बगैर बांध वाली कदाने व फरदो नदी से बरसात के समय किसानों को भारी नुकसान होता है. चिकित्सा सेवाओं का हाल खस्ता है. रोजगार के लिए यहां से हजारों मजदूरों का प्रवासन होता है.
सड़क एवं सर्व सुलभता
लोगों का कहना है कि क्षेत्र में सबसे अधिक काम सड़कों पर ही हुआ है, लेकिन हरपुर बलड़ा पंचायत के करमचंद बलरा एवं मथुरापुर को जोड़ने वाली सड़क के बीचोंबीच नून नदी पर अब भी चचरी पुल ही आवाजाही का साधन है. विधायक भी मानते हैं कि केंद्र से लेकर राज्य सरकार की प्राथमिकता में सड़क निर्माण का काम है. जाहिर तौर पर यहां भी सड़कों का निर्माण हुआ है. गांव में भी सड़कों का निर्माण हुआ है. इससे गांव-गांव तक कनेक्टिविटी हुई है. रेलवे के मामले में शिकायत जरूर है. विधानसभा में तीन रेलवे स्टेशन कुढ़नी, तुर्की एवं सिलौत है. इनमें से एक पर भी एक्सप्रेस या लंबी दूरी की ट्रेनों का ठहराव नहीं है. ऐसे में लोगों को मुजफ्फरपुर या गोरौल स्टेशन जाना पड़ता है.
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