Bihar Vidhan Sabha Chunav: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के मतदाता सूची पुनिरीक्षण के फैसले को लेकर बिहार की सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. मगठबंध के नेता तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर चुनाव आयोग पर जोरदार हमला बोला. राजद राज्यसभा सांसद मनोज झा और कांग्रेस नेता ने भी मतदाता सूची पुनिरक्षण को लेकर बयान दिया.
तेजस्वी यादव ने क्या कहा ?
बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (S.I.R) पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “5 जुलाई को हमने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी और उनके समक्ष अपने सवाल रखे थे. चिंता की बात यह है कि हमें अभी तक चुनाव आयोग से कोई स्पष्टता नहीं मिली है. आप सभी जानते हैं कि बिहार चुनाव आयोग केवल डाकघर के रूप में काम करता है और उसके पास जवाब देने का कोई अधिकार नहीं है. कल चुनाव आयोग ने तीन अलग-अलग निर्देश जारी किए. इससे साबित होता है कि चुनाव आयोग भ्रमित है.”
#WATCH | On Special Intensive Revision of electoral rolls in Bihar, RJD leader Tejashwi Yadav says, "On 5th July, we had met the Election Commission of India and posed our questions before it. The worry is that we have no clarity from the EC so far. You all know that Bihar EC… pic.twitter.com/LuGNO1rQ0l
— ANI (@ANI) July 7, 2025
RJD सांसद मनोज झा ने क्या कहा ?
RJD सांसद मनोज झा ने बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (S.I.R) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने की संभावना पर कहा, “हमने मुख्य चुनाव आयुक्त और बाकी दो चुनाव आयुक्तों से अपील की, छोटे-छोटे सवाल पूछे, हमने कहा कि 22 साल में ऐसा नहीं हुआ, हमने उनसे कहा कि जब आपने कार्यभार संभाला था तो आपने कहा था कि मेरे सारे फैसले राजनीतिक दलों से बात करने के बाद होंगे, तो आपने किससे बात की? आपने सिर्फ एक से बात की और वही काफी था? आपने कहां से तय कर लिया कि 25 दिनों के अंदर सिर्फ 11 दस्तावेज ही वैध होंगे और बाकी सभी अवैध होंगे. ये बेदखली की योजना है, पूरा बिहार इसे वोटबंदी कह रहा है. इस संदर्भ में हमने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि सबसे मौलिक अधिकार, वोट के अधिकार पर काले बादल मंडरा रहे हैं, इसे रोकें.”
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कांग्रेस ने क्या कहा ?
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन(S.I.R) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कहा, “चुनाव आयोग ने इसका मजाक बना दिया है, पहले वे एक विज्ञापन जारी करते हैं और फिर वे खुद उसी विज्ञापन के खिलाफ बयान देते हैं. हम बार-बार आवाज उठा रहे हैं कि आप 25-30 दिनों में यह कार्रवाई कैसे कर सकते हैं जब पिछली बार इसमें 1 साल लगा था. आप मानसून के 25 दिनों में यह कार्रवाई कैसे करेंगे? इसलिए हमें सुप्रीम कोर्ट में अपनी आवाज उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. यह चोरी है, चुनाव आयोग गरीब आदमी का वोट चुराने की साजिश रच रहा है.”
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