क्या अंतर पाया गया था
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसडी संजय ने दलील दी थी कि शमीम अहमद ने नामांकन पत्र में केवल दो आपराधिक मामलों का उल्लेख किया, जबकि पार्टी द्वारा प्रकाशित फॉर्म C-7 में चार लंबित मामलों की जानकारी दी गई थी. कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए विधायक को नोटिस जारी किया और 19 अप्रैल 2021 तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.
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रातोंरात बदल गया था मंत्रालय
राजद नेता शमीम अहमद ने मंत्रालय में बदलाव को लेकर दिलचस्प प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने बताया था कि रात तक वे गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री थे और उसी जिम्मेदारी के साथ सोए थे. लेकिन अगली सुबह जब वे मॉर्निंग वॉक के लिए पटना जू गए तो मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए उन्हें पता चला कि उनका विभाग बदल दिया गया है.
उन्होंने कहा कि सुबह 10 बजे तक उन्हें मंत्रालय परिवर्तन की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली थी. अब उन्हें विधि (कानून) विभाग का कार्यभार सौंपा गया है. शमीम अहमद ने कहा था कि बदलाव का कारण उन्हें भी नहीं बताया गया था लेकिन जो भी जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई उसका ईमानदारी और पूर्ण निष्ठा के साथ निर्वहन किया.
राजनीतिक सफर
शमीम अहमद ने 2015 में राजद के टिकट पर नरकटिया सीट से चुनाव जीतकर राजनीति में कदम रखा. 2020 में उन्होंने एक बार फिर जीत दर्ज की और इस बार 27191 वोटों के अंतर से लोजपा प्रत्याशी को हराया. उन्हें कुल 85562 वोट मिले थे. इस बार भी मुकाबला राजद और जदयू के बीच ही देखने को मिल सकता है.
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