पति के विरोध के बावजूद लड़ी चुनाव, 5 बार बनी रामनगर की विधायक ‘पद्मश्री’ भागीरथी देवी

Ramnagar Vidhan Sabha Chunav 2025: भागीरथी देवी का कहना है कि राजनीति में जब आए तो परिवार की तरफ से भी विरोध हुआ. पति ने काफी विरोध किया, लेकिन मैंने भी कह दिया कि आपको नहीं रखना है नहीं रखें, लेकिन हम राजनीति नहीं छोड़ेंगे. भागीरथी देवी विधानसभा हो या बाहर हर जगह भोजपुरी में बात करती हैं.

By Ashish Jha | July 10, 2025 7:19 AM
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Ramnagar Vidhan Sabha Chunav 2025: पटना. भागीरथी देवी बिहार की उस भंगी समाज की इकलौती विधायक हैं, जिसका राजनीति में कोई बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं है. भागीरथी देवी विधायक बनने से पहले सफाईकर्मी के तौर पर काम करती थीं. 1980 से राजनीति में सक्रिय भागीरथी देवी 2000 में पहली बार विधायक बनी थीं. उसके बाद से उन्हें लगातार पांच बार विधायक जनता ने चुना है. सरल सहज स्वभाव ने जनता के बीच उन्हें लोकप्रिय बना दिया है. हमेशा भोजपुरी में ही बात करती हैं. विधानसभा में एक बार जब भोजपुरी में बोल रही थी तो विधानसभा अध्यक्ष भी भोजपुरी में बोलने लगे. प्यार मोहब्बत जिंदाबाद फिल्म में भी काम कर चुकी हैं. विनय बिहारी के निर्देशन में बनी फिल्म में 11 विधायको में भागीरथी देवी को भी एक रोल दिया गया था. 2022 में बगावती तेवर भी अपना चुकी हैं और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिया था.

पति के विरोध के बावजूद आयी राजनीति में

पति के विरोध के बाद भी 1980 से राजनीति में सक्रिय हैं. महादलित महिलाओं के लिए 1991 में जेल जा चुकी हैं. आडवाणी की रथ यात्रा के दौरान भी समस्तीपुर में जेल जा चुकी हैं. नवंबर , 2005 में फिर से नरकटियागंज से ही विधायक चुनी गई. नवंबर, 2010 में फिर से नरकटियागंज से विधायक बनी. परिसीमन के बाद सीट का नाम बदलकर रामनगर हो गया और रामनगर से भी विधायक चुनी जा रही हैं. नवंबर ,2015 में रामनगर से विधायक बनीं. नवम्बर, 2020 में रामनगर से एक बार फिर से विधायक बनीं. 2015 में जब नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ थे, उस समय भी भागीरथी देवी ने बिहार की राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी पूर्णमासी राम को बुरी तरह से पराजित किया था.

महादलित वर्ग में बनाई अलग पहचान

भागीरथी देवी अत्यंत ही गरीब परिवार की महिला है जो 800 के महीने पर प्रखंड कार्यालय नरकटियागंज में सफाई कर्मी की नौकरी करती थीं, लेकिन गरीब मजदूर और घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए लगातार आवाज उठाती रही. भागीरथी जेल भी गईं और यही कारण है कि राजनीति में उनकी एंट्री हो सकी और बीजेपी ने उन्हें मौका दिया. भागीरथी देवी आज बिहार की राजनीति में एक अलग पहचान बना चुकी हैं. महादलित वर्ग से आने वाली भागीरथी देवी 1980 से राजनीति में काम कर रही हैं. गरीबों के लिए खासकर दलित महादलित समाज के लिए लड़ाई लड़ती रही हैं. महिला मोर्चा के बैनर के लिए 1991 में जेल की यात्रा कर चुकी हैं. जनता के प्रति समर्पण और किए गए कामों के बदौलत ही केंद्र सरकार ने 2019 में भागीरथी देवी को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया.

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