Bihar Politics: तेजस्वी यादव के सीएम बनने को लेकर RJD का बड़ा दावा, चुनाव आयोग को लेकर कह दी ये बात 

Bihar Election: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के पुनिरीक्षण को लेकर सियासत गर्मी बढ़ गई है. राजद समेत तमाम विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग और सरकार पर हमलावर हैं. ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं के तेजस्वी यादव के सीएम बनने को लेकर बड़ा दावा किया है. 

By Nishant Kumar | June 28, 2025 11:29 AM
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Bihar Vidhan Sabha Chunav: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के पुनिरीक्षण की प्रक्रिया को लेकर राजनेता से लेकर कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में कौतूहल मचा हुआ है. एक तरफ जहां विपक्षी नेता चुनाव आयोग के फैसले को लेकर सरकार को घेरने में लगे हुए हैं वहीं मतदाताओं के बीच ये सवाल बना हुआ है कि आखिर ये नया अपडेट है क्या ? इस बीच राजनीतिक बयानबाजियां चुनाव के माहौल को और जीवंत कर रही हैं. 

राजद नेता ने क्या कहा ? 

राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “3-4 सर्वे बिहार में आए, सभी में तेजस्वी सरकार बनती दिख रही है. केंद्र सरकार और NDA की नींद उड़ी हुई है. चुनाव आयोग के माध्यम से कोई न कोई गड़बड़ कराना चाहते हैं. तेजस्वी यादव ने सभी चीजों को तथ्यों के साथ कहा है. चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए.”

तेजस्वी ही होंगे सीएम 

INDIA अलायंस ने अपने सीएम फेस को साफ कर दिया है. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने तेजस्वी यादव के नाम पर मुहर लगा दी है. कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि संख्याबल ज्यादा होने के कारण मुख्यमंत्री राजद से ही होगा. कन्हैया के इस बयान से ये साफ होता है कि महागठबंध तेजस्वी यादव को चेहरा बनाकर चुनावी मैदान में आने वाली है. 

Also Read: निर्वाचन आयोग पर ओवैसी ने साधा निशाना, बोलें- आयोग बिहार में गुप्त तरीके से एनआरसी लागू कर रहा

चुनाव आयोग पर करारा हमला 

इधर AIMIM, RJD और कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग के पुनिरीक्षण के फैसले को लेकर सुर में सुर मिला रही हैं. असदुदीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा कि निर्वाचन आयोग बिहार में गुप्त तरीके से एनआरसी लागू कर रहा है. वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने के लिए अब हर नागरिक को दस्तावेजों के जरिए साबित करना होगा कि वह कब और कहां पैदा हुए थे और साथ ही यह भी कि उनके माता-पिता कब और कहां पैदा हुए थे. विश्वसनीय अनुमानों के अनुसार भी केवल तीन-चौथाई जन्म ही पंजीकृत होते हैं. ज्यादातर सरकारी कागजों में भारी गलतियां होती हैं. 

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