Sahebganj: साहेबगंज सीट पर क्या राजू कुमार सिंह को हरा पाएंगे मुकेश सहनी?

Sahebganj Vidhan Sabha Chunav 2025: साहेबगंज सीट पर बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी और आरजेडी, कांग्रेस गठबंधन से कड़ा मुकाबला होगा. 2020 के विधानसभा चुनाव में साहेबगंज सीट पर VSIP के कैंडिडेट राजू कुमार सिंह ने 81036 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी. उन्होंने RJD प्रत्याशी रामविचार राय को हराया जिनके हिस्से 65643 वोट आए.

By Pratyush Prashant | July 11, 2025 4:42 PM
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Sahebganj Vidhan Sabha Chunav 2025: साहेबगंज विधानसभा सीट वैशाली लोकसभा के तहत आता है. 1951 में ही साहेबगंज सीट अस्तित्व में आ गया था. 1951 में इस सीट पर हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी कैंडिडेट ब्रजनंजन प्रसाद सिंह ने जीत हासिल की थी. 1962 में हुए चुनाव में साहेबगंज सीट से नवल किशोर सिंह ने जीत हासिल की थी.

1967 में कांग्रेस पार्टी की टिकट पर यहां से एन के सिन्हा ने जीत हासिल की थी. 1969 में निर्दलीय कैंडिडेट यदुनंदन सिंह ने साहेबगंज सीट पर सभी विरोधियों को मात दे दिया था. 1972 में साहेबगंज सीट से कांग्रेसी कैंडिडेट शिव शरण सिंह ने जनता का भरोसा हासिल किय़ा था.

1977 में सीपीएम कैंडिडेट के तौर पर साहेबगंज से भाग्य नारायण राय ने जनता का समर्थन हासिल किया था. 1980 में कांग्रेस यू ने साहेबगंज सीट से नवल किशोर सिंह ने विरोधियों को करारी शिकस्त दे दी थी. 1985 में कांग्रेसी कैंडिडेट शिव शरण सिंह ने साहेबगंज सीट से जनता का समर्थन हासिल कर लिया था. 1990 और 1995 में जनता दल के कैंडिडेट रामविचार राय ने साहेबगंज सीट पर जीत का परचम लहरा दिया था.

2000 में आरजेडी की टिकट पर रामविचार राय ने साहेबगंज सीट पर जीत हासिल की थी. 2005 और 2010 के चुनाव में साहेबगंज सीट पर जेडीयू के कैंडिडेट राजकुमार सिंह ने जनता का समर्थन हासिल किया था. 2015 के चुनाव में आरजेडी कैंडिडेट रामविचार राय ने जीत हासिल किया था.

2020 में मुकेश सहनी की पार्टी के उम्मीदवार राजू कुमार सिंह ने यहां बाजी पलट दिया था. बाद में राजू कुमार सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. राजू कुमार सिंह अब बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं.

राजू सिंह मुजफ्फरपुर जिले के साहेबगंज विधानसभा के विधायक हैं. राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखने वाले राजू सिंह ने राजनीति की शुरुआत जदयू से की थी. 2015 विधानसभा चुनाव में जदयू के महागठबंधन में शामिल होने के कारण उन्होंने जदयू से इस्तीफा दे दिया.

2015 विधानसभा का चुनाव उन्होंने मुकेश सहनी की पार्टी VIP से लड़ा. बाद में VIP के 4 विधायक बीजेपी में शामिल हुए थे, उसी में एक विधायक राजू सिंह भी थे.

कई संगीन केस के आरोपी हैं राजू सिंह

राजू सिंह इंजिनियरिंग में मास्टर डिग्री हैं. वह 2 बार जेडीयू से और एक बार मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी से साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते हैं. उन पर आर्म्स ऐक्ट और हत्या की कोशिश जैसे कई संगीन केस दर्ज हैं. राजू सिंह की पत्नी रेनू सिंह पूर्वीचंपारण से निर्दलीय चुनाव लड़कर एमएलसी रह चुकी हैं.

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विधायक राजू सिंह पर कई संगीन आरोप हैं. दिल्ली के फार्म हाऊस में नए साल के जश्न में फायरिंग हुई थी. जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने राजू सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. राजू कुमार सिंह के खिलाफ मुकेश सहनी बड़ा दांव चलने वाले हैं. इससे राजू कुमार सिंह को निषाद वोटरों का नुकसान हो सकता है. ऐसे में ये देखना अहम होगा कि राजू कुमार सिंह इस चुनौती का सामना कैसे कर पाएंगे.

साहेबगंज विधानसभा सीट पर राजपूत, यादव, मुस्लिम और भूमिहार मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. यहां वैश्य के अलावा निषाद और पिछड़ी जातियों के वोट भी निर्णायक होते हैं.

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