35 साल लगातार एक जाति से विधायक
जातिगत मतदान व्यवहार की एक बड़ी मिसाल सासाराम में 1980 से 2015 के बीच दिखती है, जहां लगातार कुशवाहा समुदाय के नेताओं को ही जीत हासिल होती रही. दिलचस्प बात यह है कि विपक्ष के उम्मीदवार भी अक्सर इसी समुदाय से रहे हैं, जो दर्शाता है कि यहां जातीय पहचान दलों और विचारधाराओं से ज्यादा प्रभावशाली रही है.
सासाराम विधानसभा का इतिहास
1957 में स्थापित इस विधानसभा क्षेत्र में अब तक 17 चुनाव हो चुके हैं. इनमें समाजवादी धारा की पार्टियों ने अलग-अलग नामों से 10 बार जीत दर्ज की है, भाजपा 5 बार और कांग्रेस केवल 2 बार जीत सकी है. कांग्रेस कभी भी इस क्षेत्र में मज़बूत आधार नहीं बना सकी.
समीकरण
सासाराम विधानसभा क्षेत्र, सासाराम लोकसभा सीट का हिस्सा है, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यह लोकसभा क्षेत्र कुल छह विधानसभा क्षेत्रों में बंटा है- तीन रोहतास और तीन कैमूर जिले में स्थित है.
यहां अनुसूचित जाति के मतदाता 17.55% और मुस्लिम मतदाता 15.20% हैं, जो चुनाव परिणामों को निर्णायक रूप से प्रभावित करते हैं. साथ ही, यहां 66.70% मतदाता ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं जबकि 33.31% शहरी मतदाता हैं. 1 जनवरी 2024 तक, सासाराम विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3,57,849 थी, जिसमें नए अपडेट के बाद कुछ बढ़ोतरी हो सकती है.
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