बिहार के पड़ोसी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजावदी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बड़ा ऐलान किया है. लखनऊ में सपा कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेगी. इस साल के आखिरी में होने वाले चुनाव में वह राष्ट्रीय जनता दल का साथ देगी और भाजपा को हराने के लिए पूरा सहयोग देगी. वहीं, भाजपा चुनावी फायदे के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम और चेहरे का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाने का कोई इरादा नहीं है.
हम उन्हें प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे: अखिलेश
सपा दफ्तर में प्रेस क्रॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव से जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर सवाल किया तो यादव ने कहा कि वे (भाजपा) नीतीश कुमार के नाम और चेहरे का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन वे उन्हें फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनाएंगे. हम एक बार उन्हें प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन अब देखिए- वह मुख्यमंत्री पद से ही ‘रिटायर’ हो जाएंगे. भाजपा उन्हें ‘रिटायर’ होने के लिए मजबूर करेगी.
2020 के चुनाव में सपा ने लड़ा था चुनाव
बता दें कि समाजवादी पार्टी ने 2020 में बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा था. लेकिन उन्हें बहुत कम सफलता मिली थी. समाजवादी पार्टी ने इस चुनाव में कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन अधिकांश सीटों पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. बिहार में महागठबंधन और एनडीए के बीच मुख्य मुकाबला था, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे प्रमुख दलों ने भाग लिया था.
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साल के आखिरी में होना है विधानसभा चुनाव
बिहार में इन दिनों वोटर वेरिफिकेशन का काम चल रहा है. बताया जा रहा है कि यह काम सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद चुनाव आयोग अक्टूबर के पहले हफ्ते में चुनाव का ऐलान कर सकता है. बता दें कि इस बार का चुनाव एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए काफी अहम है क्योंकि नीतीश कुमार 2005 से लगातार सीएम की कुर्सी पर बने हुए हैं. वहीं विपक्ष मान रहा है कि इस बार के चुनाव में वह सीएम को सत्ता से बेदखल कर सकता है.
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