भाषण के दौरान उन्होंने शेरोशायरी भी की. इनकम टैक्स की चर्चा करते हुए हाथी और खेत की सुनाई. इस दौरान पूरे सदन ने डेस्क थपथपाया. दो घंटे 15 मिनट के भाषण के दौरान 80 से 90 मौके ऐसे मौके ऐए जब पीएम मोदी के साथ सदन ने डेस्क थपाथपाया. वित्त मंत्री ने भाषण की शुरुआत करते हुए मशहूर शायर मंजूर हाशमी एक शेर पढ़ा, ‘यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी ले कर चराग़ जलता है’.
इसके बाद भाषण के दौरान चाणक्य नीति का भी उल्लेख किया. कहा कि ‘कार्यपुरुषा करेन लक्ष्यम संपादयते’. चाणक्य सूत्र से ये पंक्तियां ली गयी हैं. यानी मानव अगर दृढ़ संकल्प के साथ प्रयास करे तो कार्य जरूर सफल होता है. बिना लक्ष्य के जीवन में कोई काम नहीं हो सकता. उन्होंने ये समझाने की कोशिश की जीवन में सही मार्ग पर चलने के लिए सही लक्ष्य का चुनाव भी महत्वपूर्ण है. टैक्स स्लैब की चर्चा के दौरान उन्होंने हाथी और खेत की एक छोटी सी कहानी सुनायी. उन्होंने समझाया कि अगर खेत में हाथी घुस जाए तो कितना नुकसान होगा.
इसके अलावा बजट पेश करने पहले भी उन्होंने सुर्खियां बटोरीं. उन्होंने ब्रीफकेस परंपरा को तोड़ा और लाल रंग के मखमली कपड़े में लिपटा बजट दस्तावेज लेकर संसद में प्रवेश किया. अब तक ऐसे मौके पर वित्त मंत्री को पारंपरिक भूरे रंग के ब्रीफकेस के साथ देखा गया था लेकिन बजट 2019 में ऐसा नहीं हुआ.इस बार का बजट लाल रंग के कपड़े में लिपटा हुआ था, जिसपर राष्ट्र चिन्ह लगा हुआ था.
मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने पारंपरिक ब्रीफकेस को हटाए जाने का कारण साफ किया है. उन्होंने बताया लाल कपड़े में लिपटी बजट की कॉपी को पारंपरिक बहीखाता का नाम दिया. कहा कि ब्रीफकेस के बजाय लाल कपड़े में लिपटा ये बजट पश्चिमी सभ्यता की गुलामी से हमारी आजादी का प्रतीक है. यह बजट नहीं बल्कि बहीखाता है. इस बार का बजट ब्रीफकेस के बजाय लाल कपड़े में लपेटा गया है.