GST काउंसिल ने 66 प्रोडक्ट्स पर कर की दर घटायी, जानें क्या-क्या हुआ सस्ता

नयी दिल्ली : माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पर केंद्र तथा राज्यों के अधिकार प्राप्त मंच ने 66 तरह की वस्तुओं और मदों पर पहले निर्धारित कर की दरों मेंरविवारको संशोधन कर उन्हें कम रखने का निर्णय किया. इन मदों में अचार, मुरब्बा और मस्टर्ड सॉस जैसे खाने के उत्पाद तथा 100 रुपये मूल्य तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2017 6:34 PM
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नयी दिल्ली : माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पर केंद्र तथा राज्यों के अधिकार प्राप्त मंच ने 66 तरह की वस्तुओं और मदों पर पहले निर्धारित कर की दरों मेंरविवारको संशोधन कर उन्हें कम रखने का निर्णय किया. इन मदों में अचार, मुरब्बा और मस्टर्ड सॉस जैसे खाने के उत्पाद तथा 100 रुपये मूल्य तक के सिनेमा टिकट शामिल हैं.

हाइब्रिड कारों पर जीएसटी दर की समीक्षा के मुद्दे पर पूर्व में जारी विस्तृत पत्र पर राज्यों की टिप्पणी पर विचार करने के बाद निर्णय किया जायेगा. जीएसटी परिषद की 16वीं बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, जीएसटी परिषद को 133 जिंसों के लिए अनुरोध मिला था. इनमें से 66 जिंसों पर कर की दरें कम कर दी गयी हैं.

जीएसटी परिषद के निर्णय के अनुसार सौ रुपये या उससे कम के सिनेमा टिकट पर 28 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. इससे ऊपर के मूल्य के पर कर की दर पहले के निर्णय के अनुसार 28 प्रतिशत बनी रहेगी. अचार, मस्टर्ड सॉस तथा मुरब्बा जैसे खाद्य वस्तुओं पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जबकि पहले इस पर 18 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव था. साथ ही काजू पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत कर दिया गया है.

जीएसटी लागू कर चाय में मिठास बढ़ाने की तैयारी

यह भी निर्णय किया कि 75 लाख रुपये तक के कारोबार वाले व्यापारी, विनिर्माता और रेस्तरां मालिक एक कंपोजीशन (एकमुश्त) योजना का विकल्प चुन सकते हैं और क्रमश: एक प्रतिशत, दो प्रतिशत तथा पांच प्रतिशत की दर से कर का भुगतान कर सकते हैं. परिषद ने बच्चों की चित्रकला की किताबों पर शुन्य जीएसटी लगाने का प्रस्ताव किया जबकि पूर्व में इसपर 12 प्रतिशत की दर से शुल्क लगाने की बात कही गयी थी.

कंप्यूटर प्रिंटर पर 28 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रस्ताव किया गया. इंसुलिन और अगरबत्ती पर जीएसटी कम कर 5 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि स्कूल बैग पर 18 प्रतिशत शुल्क लगेगा. काजल पर 28 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है. परिषद की अगली बैठक 18 जून को होगी. उसमें लॉटरी कर तथा ई-वे बिल पर विचार किया जायेगा.

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