इस खबर को भी पढ़ेंः जीएसटी पर जम्मू कश्मीर विधानसभा में हंगामा, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की उपस्थिति का भी विरोध
राज्य के वित्त मंत्री हसीब द्राबू द्वारा पेश किया गया प्रस्ताव विधानसभा में पारित किया गया. इसमें राष्ट्रपति से राज्य के विशेष दर्जे तथा विशेष कराधान की हिफाजत करने की मांग की गयी है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के आदेश के जरिये किसी भी तरह से संविधान के अनुच्छेद 370 से समझौता नहीं किया गया है. दो दिनों की चर्चा के बाद बुधवार को प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया. हालांकि, नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और माकपा तथा एक निर्दलीय विधायक ने मौजूदा प्रारूप में राज्य में नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू करने को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. इससे पहले द्राबू ने बहस का जवाब देते हुए कहा कि प्रस्ताव में केंद्र से राज्य के विशेष दर्जे तथा विशेष कराधान शक्तियों की हिफाजत करते हुए जीएसटी लागू करने की मांग की गयी है.
जेटली ने जम्मू-कश्मीर को दी बधाई
जम्मू-कश्मीर विधानसभा द्वारा राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) विधेयक को पारित किये जाने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे ग्राहकों को फायदा होगा और उनके लिए वस्तुएं सस्ती होंगी. वहीं, इससे राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा. कई ट्वीट कर जेटली ने राज्य विधानसभा में इस विधेयक के पारित होने पर राज्य के लोगों को बधाई दी. एसजीएसटी विधेयक को पारित करने वाला जम्मू-कश्मीर आखिरी राज्य है. जीएसटी एक जुलाई को लागू हुआ है. जेटली ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को राज्य के जीएसटी के साथ एकीकरण के लिए बधाई. जम्मू-कश्मीर एक उपभोक्ता राज्य है और जीएसटी से राज्य का राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी
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