मोबाइल उपभोक्ताआें को ट्रार्इ से मिली राहत, फिलहाल दूरसंचार सेवाआें के लिए नहीं देना होगा न्यूनतम मूल्य
नयी दिल्लीः भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा कि उद्योग में इस बात पर आमसहमति बन गयी है कि फिलहाल दूरसंचार सेवाओं के लिए न्यूनतम मूल्य की जरूरत नहीं है. ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा कि उन्होंने सभी सेवाप्रदाताओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें इस बात पर सहमति बनी कि […]
By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2017 12:30 PM
नयी दिल्लीः भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा कि उद्योग में इस बात पर आमसहमति बन गयी है कि फिलहाल दूरसंचार सेवाओं के लिए न्यूनतम मूल्य की जरूरत नहीं है. ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा कि उन्होंने सभी सेवाप्रदाताओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें इस बात पर सहमति बनी कि न्यूनतम मूल्य तय करना कोई व्यावहारिक विचार नहीं होगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल इस बात पर सहमति बनी है कि हमें न्यूनतम मूल्य के विचार को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए. इस मसले पर दो घंटे तक चर्चा की गयी. इस मुद्दे पर आगे और विचार-विमर्श नहीं किया जायेगा.
मौजूदा दूरसंचार कंपनियों के एक वर्ग ने डेटा और वॉयस सेवाओं के लिए न्यूनतम मूल्य तय करने की मांग की थी. इसी के मद्देनजर ट्राई ने आॅपरेटरों के साथ बैठक की. दूरसंचार सेवाओं के लिए न्यूनतम मूल्य तय करने का मतलब यह होता कि बाजार से नि:शुल्क सेवाएं समाप्त हो जातीं. अभी आॅपरेटरों को दरें तय करने की खुली छूट और उन्हें किसी प्लान को पेश करने से सात दिन पहले उसकी सूचना ट्राई को देनी होती है.
ऐसे में, न्यूनतम मूल्य तय किये जाने से इस तरह की व्यवस्था से हटना पड़ता. बताया जाता है कि बैठक में आइडिया सेल्युलर ने एक घंटे के प्रस्तुतीकरण के जरिये न्यूनतम मूल्य तय करने की वकालत की. वहीं, रिलायंस जियो का कहना था कि यह पीछे की ओर ले जाने वाला गैर प्रतिस्पर्धी कदम होगा.
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