रेपो रेट से पहले वाणिज्य मंत्रालय की रिपोर्ट, बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 19 महीने के निचले स्तर पर

नयी दिल्लीः सरकार की आेर से बुनियादी ढांचा विकास को बढ़ावा देने आैर इसके लिए रिजर्व बैंक पर रेपो रेट में कटौती करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है. बावजूद इसके बुनियादी उद्योगों की वृद्धि में गिरावट दर्ज की गयी है. कोयला, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक और सीमेंट क्षेत्र का उत्पादन घटने से बुनियादी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2017 9:24 AM
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नयी दिल्लीः सरकार की आेर से बुनियादी ढांचा विकास को बढ़ावा देने आैर इसके लिए रिजर्व बैंक पर रेपो रेट में कटौती करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है. बावजूद इसके बुनियादी उद्योगों की वृद्धि में गिरावट दर्ज की गयी है. कोयला, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक और सीमेंट क्षेत्र का उत्पादन घटने से बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जून माह में घटकर 0.4 प्रतिशत पर आ गयी यह इसका 19 महीने का निचला स्तर है. आठ बुनियादी उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली आते हैं. पिछले साल जून में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 7 प्रतिशत थी.

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जून में कोयला उत्पादन 6.7 प्रतिशत घटा, जबकि रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आयी. उर्वरक उत्पादन 3.6 प्रतिशत और सीमेंट उत्पादन 5.8 प्रतिशत नीचे आया. वहीं, माह के दौरान कच्चे तेल के उत्पादन में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई. जून, 2016 में यह 4.3 प्रतिशत घटा था.

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जून में प्राकृतिक गैस के उत्पादन में 6.4 प्रतिशत की बढोतरी हुई. समीक्षाधीन महीने में इस्पात उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 5.8 प्रतिशत रह गयी, जो जून, 2016 में 8.8 प्रतिशत रही थी. इसी तरह बिजली उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 0.7 प्रतिशत रह गयी, जो एक साल पहले समान महीने में 9.8 प्रतिशत रही थी. बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटने का असर औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में भी दिखेगा.

कुल कारखाना उत्पादन में बुनियादी उद्योगों का हिस्सा 41 प्रतिशत बैठता है. मई में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 4.1 प्रतिशत रही थी. इससे पहले नवंबर, 2015 में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 1.3 प्रतिशत गिरा था. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून की तिमाही आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटकर 2.4 प्रतिशत पर आ गयी है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 6.9 प्रतिशत रही थी.

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