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रिपोर्ट में क्या कहा है?
इसके साथ ही, आईएमएफ ने 2018 में भारत की वृद्धि दर का अनुमान भी अपने पहले के अनुमान से 0.3 फीसदी कम कर 7.4 प्रतिशत कर दिया है. उसने इससे पहले जुलाई और अप्रैल में आर्थिक वृद्धि के अनुमान जारी किये थे. भारत की वृद्धि दर 2016 में 7.1 फीसदी रही थी. हालांकि, यह वृद्धि आईएमएफ के अप्रैल के 6.8 फीसदी के अनुमान से अधिक रही. आईएमएफ ने अपनी नवीनतम विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा है कि भारत में वृद्धि की गति नरम पड़ी है, जो कि मुद्रा अदला-बदली तथा साल के बीच में ही देश भर में वस्तु एवं सेवा कर के कार्यान्वयन को लेकर अनिश्चिततता के चलते हुआ.
आर्इएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि अच्छे सरकारी परिव्यय तथा आंकड़ों में संशोधन के चलते 2016 में भारत की वृद्धि दर बढ़कर संशोधित 7.1 फीसदी हो गयी. इसके साथ ही, आईएमएफ ने 2017 में वृद्धि दर के लिहाज से चीन को भारत से कुछ आगे रखा है. 2017 में चीन की वृद्धि दर 6.8 फीसदी रहना अनुमानित है. हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में भारत दुनिया में सबसे तेज वृद्धि करने वाली उदीयमान अर्थव्यवस्था का दर्जा फिर हासिल कर सकता है, जबकि उस साल चीन की वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहना अनुमानित है.
मध्यम अवधि में आठ प्रतिशत वृद्धि दर
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी उन कुछ प्रमुख ढांचागत सुधारों में से एक है, जिनसे मध्यम अवधि में वृद्धि दर बढ़कर आठ फीसदी करने में मददगार होंगे. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में श्रम बाजार नियमों तथा भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के सरलीकरण की व्यापारिक माहौल् को और बेहतरी बनाने के लिए लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही है. आईएमएफ का कहना है कि 1999 और 2008 के बीच भारत की औसत वृद्धि दर 6.9 फीसदी रही. उसके बाद 2009 में यह 8.5 फीसदी, 2010 में 10.3 फीसदी व 2011 में 6.6 फीसदी रही.
इसी तरह, 2012, 2013 व 2014 में वृद्धि दर क्रमश: 5.5 फीसदी, 6.4 फीसदी व 7.5 फीसदी रही. वहीं, वैश्विक स्तर पर आईएमएफ ने वृद्धि दर 2017 व 2018 में क्रमश: 3.6 फीसदी व 3.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.
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