अमेरिकी शेयर बाजार में सोमवार को आयी गिरावट का असर मंगलवार को भारतीय बाजार में भी देखने को मिल रहा है.
सेंसेक्स और निफ्टी भारी गिरावट के साथ खुले और बाजार खुलने के महज कुछ पलों में निवेशकों के 5 लाख 40 हजार करोड़ रुपये डूब गये.
सेंसेक्स अपने उच्चतम स्कोर से 3,000 पॉइंट्स और निफ्टी अपने रिकॉर्ड हाई से 800 पॉइंट्स नीचे आ गया.
बाजार के जानकारों की मानें, तो गिरावट का यह सिलसिला 1 फरवरी को केंद्रीय बजट आने के एक दिन पहले से ही शुरू हो गया था.
बजट के दिन सेंसेक्स 500 अंक तक टूट गया था और अगले दिन यानी शुक्रवार को सेंसेक्स लगभग 850 अंक लुढ़क कर 35,066 के नीचे आ गया.
वहीं निफ्टी में भी लगभग 255 अंकों की गिरावट के साथ 10,760 तक पहुंंच गया. यह अगस्त 2017 के बाद मार्केट में पहली सबसे बड़ी गिरावट बतायी जाती है.
मार्केट में अचानक आये इस की वजह से देश के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला, डाॅली खन्ना, आशीष कचौलिया को 32 प्रतिशत तक का घाटा हुआ.
बाजार के इस बिगड़े मूड के बारे में जानकारों का मानना है कि एेसा असर केंद्रीय बजट में इक्विटीज पर लांग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स की घोषणा के बाद से पड़ा है. यही नहीं, फिस्कल टारगेट पूरा न होने से भी बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा है.
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