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कुमार ने कहा, ‘एस्सार (एस्सार पावर) के मामले में अदालत ने रोक लगायी हुई है. जब यह रोक हटायी जायेगी, हम उनके खिलाफ समझौते के तहत उपयुक्त कार्रवाई करेंगे. इसमें कोयला ब्लाॅक (तोकिसूद नार्थ कोयला खदान) का आवंटन रद्द करना शामिल है.’ उन्होंने कहा कि तोकिसूद उत्तरी खदान में 10.32 करोड़ टन का कोयला भंडार अनुमानित है. इसमें 5.19 करोड़ टन कोयला निकाला जा सकता है. यह खदान पूर्व में हुई नीलामी में एस्सार पावर एमपी लिमिटेड को मिला था.
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कोयला मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार, इस खान के वित्त वर्ष 2015-16 में परिचालन में आना था. कुमार ने आगाह करते हुए कहा कि जिन कंपनियों को नीलामी मेंकोयलाखदान आवंटित किये गये हैं, उन्हें बेहतर प्रदर्शन करना होगा, अन्यथा उन्हें खदान से हाथ धोना पड़ेगा. विभिन्न जरूरी मंजूरी मिलने में देरी तथा शुल्क शर्तों में अचानक बदलाव को देखते हुए एस्सार पावर ने पूर्व में कहा था कि उसने झारखंड में तोकिसूद नाॅर्थ कोल ब्लाॅक वापस लौटाने का फैसला किया. इसमें वह पहले ही 490 करोड़ रुपये निवेश कर चुकी है.
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