नयी दिल्ली : देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर फरवरी में गिरकर छह महीने के निचले स्तर पर आ गयी है. कमजोर मांग स्थितियों के बीच नये ऑर्डर में कमी के चलते यह गिरावट दर्ज की गयी है. एक मासिक सर्वेक्षण में यह परिणाम जारी किया गया है.
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निक्की इंडिया सर्विसेज कारोबार गतिविधि सूचकांक जनवरी के 51.7 अंक से गिरकर फरवरी में 47.8 अंक रह गया है, जो अगस्त के बाद का निचला स्तर है. सूचकांक के 50 अंक स्तर के नीचे जाना तीन महीने में पहली बार गिरावट को दर्शाता है. पैनल के सदस्यों के मुताबिक, कमजोर मांग स्थितियों के कारण सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में दबाव देखा गया.
आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका आशना दोधिया ने कहा कि नवंबर में बाद से पहली बार गतिविधियों और नये ऑर्डर दोनों में गिरावट आयी है. इसने देश के सेवा क्षेत्र में हुए हालिया सुधार को समाप्त कर दिया है. हालांकि, कंपनियां जून 2011 के बाद से नौकरियों में सबसे तेज वृद्धि से अगले 12 महीने में उत्पादन वृद्धि को लेकर आश्वस्त हैं.
दोधिया के अनुसार, कंपनियों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी है, क्योंकि जून, 2011 के बाद से कंपनियों ने संयुक्त रूप से अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ायी है. मांग स्थितियों के प्रतिकूल रहने के बावजूद भी कंपनियों ने फरवरी के दौरान अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ायी है. इस दौरान, मौसमी आधार पर समायोजित निक्की इंडिया कंपोजिट पीएमआई उत्पादन सूचकांक जो कि विनिर्माण के साथ-साथ सेवा क्षेत्र की गतिविधियों पर नजर रखता है, फरवरी में गिरकर 49.7 अंक रहा. एक महीने पहले यानी जनवरी में यह 52.5 पर था.
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