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एस एंड पी ने कहा कि इसमें सबसे बड़ा खतरा अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक भागीदारों जैसे की यूरोपीय संघ (ईयू) और चीन की तरफ से जवाबी कारवाई का है. इससे व्यापार युद्ध छिड़ने का खतरा है, जिसका असर अमेरिकी निर्याताकों, वैश्विक व्यापार और वैश्विक आर्थिक वृद्धि पर पड़ सकता है. अमेरिका के राष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह ही इस्पात और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क को बढ़ाकर क्रमश: 25 फीसदी और 10 फीसदी कर दिया.
व्यापार क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले से अमेरिका को इन वस्तुओं का निर्यात प्रभावित होने की संभावना नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह डर जरूर व्यक्त किया कि इस तरह के संरक्षणवादी कदमों से वैश्विक व्यापार प्रभावित हो सकता है. एस एंड पी की इस संबंध में तैयार एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक व्यापार एक ऐसे मोड़ पर पहुंच चुका है, जहां जवाबी कारवाई का खतरा बढ़ गया है. रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि अमेरिका में लगाये गये आयात शुल्क का शुरुआती वृहद आर्थिक प्रभाव नाम मात्र का होगा. यह फिलहाल अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक भागीदारों ईयू, चीन और दक्षिण कोरिया की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा.
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