मुंबई: आइसीआइसीआइ बैंक की एमडी और सीइओ चंदा कोयर पर बने रहने देना है या नहीं, इसके लिए बैंक का बोर्ड बैंकिंग नियामक आरबीआइ के निर्देशों का इंतजार कर रहा है.
बताते चलें कि इससे पहले आरबीआइ ने एक्सिस बैंक से सीइओ शिखा शर्मा को एक और कार्यकाल देने पर पुनर्विचार करने को कहा था, और इसके बाद उन्होंने पद छोड़ने का फैसला किया. बताया जाता है कि आइसीआइसीआइ बैंक के बोर्ड मेंबर्स इसी के मद्देनजर चंदा कोचर के भविष्य पर फैसला करने का मन बना रहे हैं.
वहीं, आरबीआइ की योजना आइसीआइसीआइ बैंक से वीडियोकॉन समूह को दिये गये 32 अरब रुपये कर्ज का ब्योरा मांगने की है. आरबीआइ का पहला कदम इसके बारे में जानकारी जुटाना और तथ्यों को सुनिश्चित करना है.
इसके बाद हम जल्द ही आरबीआइ द्वारा कुछ कदम उठाये जाने की उम्मीद कर सकते हैं. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि आइसीआइसीआइ बैंक के मामले में कार्रवाई करने का फैसला आरबीआइ के ऊपर है.
इस बीच बताया जा रहा है कि आरबीआइ के पास पहले से ही वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के बारे में काफी सूचना है, क्योंकि नियामक ने ही पिछले साल दिसंबर में कंपनी को नेशनल कंपनी लॉ पंचाट (एनसीएलटी) में भेजने की सिफारिश की थी.
आरबीआइ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) द्वारा आइसीआइसीआइ बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के खिलाफ प्रारंभिक जांच दर्ज किये जाने के बाद यह कदम उठा रहा है.
सीबीआइ ने धूत द्वारा दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रीन्यूएबल्स को 64 करोड़ रुपये का कर्ज दिये जाने के मामले में प्रारंभिक जांच शुरू की है.
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