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एक सूत्र ने कहा कि समिति ने 17 मई को गर्वनर पटेल को उपस्थित होने को कहा है. हम उनसे बैंक घोटालों और अन्य बैंकिंग नियमनों के बारे में जानना चाहते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी समिति के सदस्य हैं. वह भी बैठक में मौजूद थे. पटेल ने हाल में कहा था कि रिजर्व बैंक के पास सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से संबंधित मामलों को देखने के लिए पर्याप्त अधिकार नहीं हैं.
एक अन्य सूत्र ने कहा कि हम यह जानना चाहते हैं कि रिजर्व बैंक गवर्नर को किस तरह के अधिकार चाहिए. सूत्र ने कहा कि नियमन महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं. यही वजह है कि गवर्नर को बुलाया गया है. सूत्रों ने बताया कि समिति ने सार्वजनिक और निजी बैंकों में सामने आये विभिन्न घोटालों पर विचार विमर्श किया. यह पूछे जाने पर कि क्या बैठक में पंजाब नेशनल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक का भी मुद्दा उठा. इस मसले पर सूत्र ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक सहित सभी वाणिज्यिक बैंकों पर चर्चा हुई.
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने सांसदों के सवालों के कुछ ही हिस्सों का जवाब दिया. उन्हें इन सवालों पर पूरी रिपोर्ट देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है.
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