मूल रूप से बिहार के मोहम्मद एक एंग्लो-इंडियन पर्यटक और कारोबारी थे. वह उन शुरुआती प्रवासियों में से थे जो भारत से इंग्लैंड गये. ब्रिटेन के लोगों को भारतीय पकवानों के स्वाद से परिचित कराने के लिए उन्होंने इस रेस्तरां को खोला था. दीन मोहम्मद का यह रेस्तरां ज्यादा दिन नहीं चला. 1812 में उनका दिवाला पिट गया.
उसके नये प्रबधंकों ने बाद में उसे ‘हिंदुस्तानी कॉफी हाउस’ नाम से 20 साल और चलाया लेकिन अंतत: 1833 में वह भी बंद हो गया. इसी रेस्तरां का एक हस्तलिखित मेन्यू कार्ड यहां एक पुस्तक मेला में 8,500 पौंड यानी 11,344 डॉलर या 7,59,996 रुपये में बिका है. इस पर लिखे अन्य पकवानों के नाम में ‘मक्की पुलाव’, ‘लोबस्टर करी’, ‘कूलमाह ऑफ लैंब या वील’ इत्यादि शामिल हैं.
कुल 25 भारतीय पकवानों के नाम इस कार्ड पर हैं जिनके दाम भी लिखे हैं. उदाहरण के लिए मक्की पुलाव उस समय एक पौंड एक सीलिंग और चिकन करी 12 सीलिंग में बिकती थी.
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