जेटली ने कहा कि सीएसओ एक भरोसेमंद संस्थान है, जिसकी आलोचना कहीं से भी ठीक नहीं है. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को जीडीपी के आंकड़ों में संशोधन को ‘बेहुदा मजाक’ करार दिया था. उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि नीति आयोग का संशोधित जीडीपी आंकड़ा मजाक है. यह बेहुदा मजाक है. जेटली ने कहा कि जब सीएसओ ने 2012-13 और 2013-14 के लिए वृद्धि दर का आंकड़ा संशोधित किया था, तब उनकी सरकार ने इस फैसले का स्वागत किया था.
इसे भी पढ़ेंः ‘यूपीए सरकार के कार्यकाल में हाई लेवल पर थी वृहद आर्थिक अस्थिरता’
उन्होंने कहा कि सीएसओ ने वृद्धि दर के आंकड़े में संशोधन को लेकर उसी मानदंड को अपनाया है. सीएसओ ने बुधवार को पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल के अधिकतर वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में वृद्धि दर के आंकड़ों को घटा दिया. इससे यूपीए सरकार के कार्यकाल के उस एकमात्र वर्ष के आंकड़ों में भी एक फीसदी से अधिक कमी आयी है, जब देश ने दहाई अंक में वृद्धि दर्ज की थी. इसके अलावा, नौ फीसदी से अधिक की वृद्धि दर वाले तीन वित्त वर्ष के आंकड़ों में भी एक प्रतिशत की कमी आयी है.
इसमें आंकड़ों को 2004- 05 के आधार वर्ष के बजाय 2011- 12 के आधार वर्ष के हिसाब से संशोधित किया गया है, ताकि अर्थव्यवस्था की अधिक वास्तविक तस्वीर सामने आ सके. सीएसओ के संशोधित आंकड़ों के अनुसार, 2010-11 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.5 फीसदी रही थी, जबकि इसके पहले 10.3 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया गया था.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.