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उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार की वस्तुओं पर जीएसटी दरें कम करने से सालाना राजस्व में 5,500 करोड़ रुपये का असर पड़ेगा. परिषद ने जीएसटी की 28 फीसदी की सबसे ऊंची टैक्स के दायरे में आने वाली वस्तुओं में से सात को निम्न दर वाले स्लैब में डाल दिया है. इसके साथ ही, 28 फीसदी के स्लैब में अब केवल 28 वस्तुएं बची हैं.
जेटली ने कहा कि जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाना एक सतत प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि 28 फीसदी की दर का धीरे-धीरे पटाक्षेप हो जायेगा. अगला लक्ष्य परिस्थिति अनुकूल होने के साथ सीमेंट पर जीएसटी में कमी करना है. अब 28 फीसदी की कर दर वाहनों के कल-पुर्जों और सीमेंट के अलावा केवल विलासिता के सामान और अहितकर वस्तुओं पर ही रह गया.
वित्त मंत्री ने बताया कि सिनेमा के 100 रुपये तक के टिकटों पर अब 18 फीसदी की बजाय 12 फीसदी की दर से और 100 रुपये से ऊपर के टिकट पर 28 फीसदी की बजाय 18 फीसदी की जीएसटी लगेगा. इसी तरह 32 इंच तक के मॉनिटर और टीवी स्क्रीन पर अब 28 फीसदी की बजाय 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा. वस्तुओं पर जीएसटी की संशोधित दरें एक जनवरी, 2019 से लागू होगी.
सूत्रों के मुताबिक, एसी, टीवी, वॉशिंग मशीन आदि से टैक्स कटौती के जरिये मध्य वर्ग को नये साल का तोहफा दिया जा रहा है. वहीं, सीमेंट पर टैक्स कटौती से निर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन देने की तैयारी है. जीएसटी के पांच टैक्स स्लैब 0, 8, 12, 18 और 28 फीसदी हैं. टैक्स अनुपालन को आसान बनाने और व्यापारियों को राहत देने संबंधी उपायों पर भी विचार हो रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, शीतल पेय, सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू उत्पाद, पान मसाला, धूम्रपान पाइप, वाहन, विमान, याट, रिवाल्वर और पिस्तौल और गैंबलिंग लॉटरी पर 28 फीसदी टैक्स लगता रहेगा.
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