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औसत मासिक बैलेंस नहीं बनाये रखने पर शुल्क वसूलने के पीछे के तर्क के बारे में पूछे जाने पर गुप्ता ने कहा कि बैंक ने प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए भारी निवेश किया है. ऐसा देश में हर जगह सुरक्षित बैंकिंग सेवा मुहैया कराने के लिये किया गया है. इनके अलावा, देश भर में एटीएम तथा नकदी प्वाइंट बनाये गये हैं. इस तरह से उपभोक्ताओं की सहूलियत के लिए भारी निवेश किया गया है.
उन्होंने कहा कि बुनियादी संरचना और प्रौद्योगिकी में भारी निवेश के कारण यह बैंक के लिए जरूरी हो गया कि कम से कम लागत के कुछ हिस्से को वसूल किया जाये. उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार को नजर में रखते हुए बैंक खातों में औसत मासिक बैलेंस बनाये रखने के प्रावधान को अप्रैल, 2017 से नये सिरे से अमल में लाया गया. उन्होंने कहा कि ये शुल्क पिछले साल अक्टूबर में तथा इस साल अप्रैल में दो बार घटाये गये हैं. गुप्ता ने कहा कि अन्य निजी बैंकों की तुलना में हमारे शुल्क कम हैं.
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