नयी दिल्ली : इस साल यानी 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगों, 1987 की हाशिमपुरा घटना और हरियाणा के मिर्चपुर में 2010 में एक व्यक्ति और उसकी किशोरी बेटी को जिंदा जला देने से जुड़े मामलों में सख्त रूख अख्तियार किया. अदालत ने इन मामलों को ‘‘लक्षित” हिंसा बताया.
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