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चेयरमैन मुकेश अंबानी ने यहां नौवें वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन को यहां संबोधित करते हुए कहा कि गुजरात रिलायंस की जन्मभूमि और कर्मभूमि है. गुजरात हमेशा से हमारी पहली पसंद रहा है और रहेगा. रिलायंस समूह ने रिलायंस जियो के माध्यम से दूरसंचार क्षेत्र में अरबों डाॅलर का निवेश किया है. उन्होंने कहा कि हमने गुजरात राज्य में अब तक करीब तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है और यहां करीब 10 लाख लोगों के लिए आजीविका के अवसर पैदा किये हैं. पिछले दशक की तुलना में रिलायंस आने वाले 10 साल में अपने निवेश और रोजगार की संख्या को दोगुना करेगा.
अंबानी ने कहा कि जियो का नेटवर्क 5जी सेवाओं के लिए तैयार है. इसलिए अब उसकी दूरसंचार इकाई और खुदरा कारोबार इकाई मिलकर एक नया वाणिज्यक मंच तैयार करेगी, जो छोटे खुदरा व्यापारियों, दुकानदारों और ग्राहकों को आपस में जोड़ेगा. उन्होंने कहा कि जामनगर स्थित कंपनी की दोनों रिफाइनरियां अब ईंधन का कम और पेट्रोकेमिकल जैसे मूल्य वर्द्धित उत्पादों का अधिक उत्पादन करेंगी, क्योंकि दुनिया अब इलेक्ट्रिक वाहन की ओर बढ़ रही है. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि जियो 5जी सेवाएं कब शुरू करेगा. जियो ने दूरसंचार सेवाओं की शुरुआत सितंबर 2016 में की थी.
उन्होंने कहा कि आज की तारीख में गुजरात, जियो की 4जी बेतार ब्रॉडबैंड सेवा के लिए एक आदर्श है और जियो का नेटवर्क 5जी के लिए पूरी तरह से तैयार है. इसका मतलब आने वाले सालों में भी गुजरात डिजिटल कनेक्टिविटी के मामले में सबसे आगे रहेगा. हालांकि, किसी समयसीमा की घोषणा किये बिना उन्होंने कहा कि जियो और रिलायंस रिटेल मिलकर एक नया वाणिज्य मंच शुरू करेंगे, जो गुजरात के 12 लाख छोटे दुकानदारों को सशक्त करेगा और यह भारत के तीन करोड़ व्यापरियों के समुदाय का हिस्सा है. इसके अलावा, रिलायंस फाउंडेशन गुजरात में पंडित दीनदयाल विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए 150 करोड़ रुपये का भी निवेश करेगा.
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