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इसमें मंजूरी के लिये आनलाइन एकल खिड़की प्रणाली, भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव, करदाताओं के लिए अनुकूल उपाय, श्रम नियमन और बिजली कनेक्शन प्राप्त करना शामिल है. विभाग ने कहा कि दिशा-निर्देश राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सुधारों को क्रियान्वित करने के लिए जरूरतों को समझने में सहायता करेगा और कार्ययोजना के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उठाये जाने वाले कदमों को चिह्नित करने में मदद करेगा.
विभाग ने कहा कि यह उन साक्ष्यों को समझने में भी मदद करेगा, जिसे हर सुधार के बाद जमा करने की जरूरत है. सुधारों को क्रियान्वित करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2019 है. विभाग ने निर्धारित मानदंडों के आधार पर किये गये सुधारों के तहत राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की रैकिंग का काम 2014 में शुरू किया था.
उसने कहा कि इसका मकसद नियामकीय ढांचे को दुरुस्त और दफ्तरशाही समाप्त कर निवेश अनुकूल व्यापार माहौल सृजित कर कारोबार माहौल को बेहतर बनाना है. पिछले साल जुलाई में रैंकिंग जारी की गयी थी. इसमें आंध्र प्रदेश शीर्ष पर था. उसके बाद तेलंगाना और हरियाणा का स्थान था.
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