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ट्रंप ने इसी महीने अमेरिकी कांग्रेस (संसद) को भारत सहित कुछ अन्य देशों को दी गयी तरजीही सामान्यीकृत प्रणाली (जीएसपी) कार्यक्रम के तहत लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा समाप्त करने के इरादे के बारे में बताया था. इसके तहत कम विकसित अथवा कुछ विकासशील देशों से कुछ उत्पादों के शुल्क मुक्त आयात की व्यवस्था है. इसका मकसद उनकी अर्थव्यवस्था के विकास में मदद करना है.
अमेरिकी जीएसपी कार्यक्रम के तहत वाहनों के कल-पुर्जे और परिधान सामग्री समेत करीब 2,000 उत्पाद अमेरिका में शुल्क मुक्त रूप से आयात किये जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए शर्त है कि लाभार्थी विकासशील देश अमेरिकी संसद द्वारा स्थापित पात्रता मानदंडों को पूरा करे. जनवरी में पेश कांग्रेस की शोध सेवा रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्यक्रम से भारत को 2017 में सर्वाधिक लाभ हुआ. इसके तहत अमेरिका में कुल 5.7 अरब डॉलर मूल्य का आयात बिना किसी शुल्क के किया गया.
पहले हिंदू सांसद गब्बार्ड ने ‘अमेरिका-भारत भागीदारी पर आयोजित सम्मेलन में कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम जीएसपी कार्यक्रम को समाप्त करने में विलंब कर सकते हैं. तरजीही व्यापार कार्यक्रम जीसपी को भारत में हो रहे आम चुनाव तक जारी रखा जाना चाहिए. उसके बाद हम इस संबंध में गैर-राजनीतिक रूप से चर्चा कर पायेंगे कि कैसे हम सामूहिक रूप से आगे बढ़ सकते हैं.
अमेरिका-भारत मैत्री परिषद की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने स्वीकार किया कि व्यापार के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को चुनौतियों को सामना करना पड़ रहा है. रिपब्लिक पार्टी के सांसद जार्ज होल्डिंग ने भी गब्बार्ड से सहमति जताते हुए कहा कि भारत को तीन दशकों से तरजीही व्यापार का दर्जा मिला हुआ है और इसे खत्म करने का यह सही समय नहीं है.
होल्डिंग कांग्रेस के ‘इंडिया कॉकस’ (भारतीय समर्थक) के सह-अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि भारत अब अल्पविकसित देश नहीं है. देश को सबसे पहले जीएसपी दिया गया था, तब से काफी बदलाव आये हैं. होल्डिंग ने कहा कि हमें इस पर पुनर्विचार करना चाहिए, लेकिन आम चुनाव से पहले इसकी जरूरत नहीं है.
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