भारत ने एडीबी ने की अपील, प्राइवेट सेक्टर को कर्ज मुहैया कराने के कार्यक्रम का करे विस्तार

नादी (फिजी) : भारत ने एशियायी विकास बैंक (एडीबी) से निजी क्षेत्र के लिए ऋण सहायता उपलब्ध कराने के कार्यक्रम का विस्तार करने की अपील की है, ताकि सदस्य देशों के आर्थिक विकास में तेजी लायी जा सके. वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शनिवार को एडीबी के संचालन मंडल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 4, 2019 4:27 PM
an image

नादी (फिजी) : भारत ने एशियायी विकास बैंक (एडीबी) से निजी क्षेत्र के लिए ऋण सहायता उपलब्ध कराने के कार्यक्रम का विस्तार करने की अपील की है, ताकि सदस्य देशों के आर्थिक विकास में तेजी लायी जा सके. वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शनिवार को एडीबी के संचालन मंडल की यहां आयोजित बैठक को संबांधित करते हुए कहा कि एडीबी के सदस्य देशों को अपने यहां आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए बड़ी पूंजी सहायता जारी रखने के साथ साथ पूरे क्षेत्र में निजी क्षेत्र की सहायता जरूर बढ़ानी चाहिए. कंपनियों की शेयर पूंजी और बुनियादी ढांचा निवेश न्यासों में निवेश के माध्यम से एडीबी निजी क्षेत्र की पहलों के विकास में सार्थक भूमिका निभा सकता है.

इसे भी देखें : एडीबी देगा झारखंड को 2800 करोड़ रुपये

उन्होंने कहा कि इस बहुपक्षीय वित्तीय संगठन को मानव पूंजी के विकास और सामाजिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस समय एशिया वैश्विक अर्थव्यवस्था की गाड़ी का प्रमुख इंजन बन गया है और उसकी यह भूमिका बरकरार है. गर्ग ने एडीबी संचालक मंडल के सदस्यों से कहा कि क्षेत्रीय सहयोग के कदम उठाते समय इस बात को ध्यान में रखा जाए कि इस क्षेत्र के देश मूल्यवर्धन (उत्पादन-प्रसंस्करण प्रक्रियाओं) की वैश्विक शृंखला की अभिन्न कड़ी बन सकें.

उन्होंने कहा कि इसलिए हम एडीबी के प्रबंधकों से अपील करते हैं कि वे भारत जैसे देशों में सामाजिक क्षेत्र की परियोजनाओं में सहयोग बढ़ाएं और इसके साथ साथ शहरों को स्मार्ट बनाने, चौबीसों घंटे बिजली पानी की सुविधा, सम्पर्क सुविधाओं के विस्तार और जलवायु परिवर्तन के जोखिमों को कम करने पर ध्यान दें.

एडीबी ने 2018 में निजी क्षेत्र की पहलों के लिए सालाना आधार पर 37 फीसदी वृद्धि के साथ कुल 3.14 अरब डॉलर की मदद की, जो उसकी कुल वित्तीय सहायता के 14.5 फीसदी के बराबर रही. गर्ग ने पिछले 52 वर्षों के दौरान विकासशील देशों को बुनियादी ढांचा के विकास और गरीबी दूर करने की योजनाओं में मदद के लिए एडीबी के महती योगदान का उल्लेख किया.

उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक वृद्धि की रणनीति की सफलता के लिए वित्त पोषण के नये-नये तरीके निकालना महत्वपूर्ण है. इसके लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र, दोनों के वित्त पोषण को बारीकी से साधा जाना चाहिए. निजी क्षेत्र की मदद करते समय सावधानी बरती जाए कि यह विनिर्माण, सेवा और नयी डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे सही क्षेत्रों के लिए हो. इसमें एडीबी और अन्य बहु पक्षीय एजेंसियां शेयर पूंजी की भी मदद करें.

उन्होंने कहा कि एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में साझी समृद्धि और 2030 तक गरीबी और भुखमरी को दूर करने के स्वस्थ विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) की पूर्ति के लिए ऋण-ग्राही सदस्य एडीबी से सस्ते ऋण की आवश्यकता बनी रहेगी. संगठन को बुनियादी ढांचा विकास की परियोजनाओं और मानव संसाधन विकास की योजनाओं को सीधे सहायता देने के साथ ही उनकी विकास यात्रा में ‘अनुभवी भागीदार’ के रूप में भी जुड़ना चाहिए.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version