इसे भी देखें : दूरसंचार सचिव ने कहा – 5जी स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी 2019 की दूसरी छमाही में संभव
व्यास ने कहा कि प्रौद्योगिकी से ज्यादा इस मामले में बड़ी अड़चन 5 जी स्पेक्ट्रम को लेकर नियामकीय निकाय की नीति है. उन्होंने कहा कि दूरसंचार विभाग ने परीक्षण के रूप में जो लाइसेंस दिया है, उसमें संशोधन की जरूरत है. जब तक कि ऐसा नहीं होता है, क्षेत्र को इंतजार करना होगा.
उन्होंने कहा कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्विट्जरलैंड, सऊदी अरब और कुछ अन्य देशों ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू कर दी है. वैश्विक स्तर पर नियामक 5जी के लिए के लिए मध्यम बैंक (3.5 गीगाहर्ट्ज) लाइसेंस दे रहे हैं. वहीं, कुछ अन्य देशों में एमएमवेव स्पेक्ट्रम बैंड में लाइसेंस दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि भारत में 5जी नेटवर्क शुरू करने के लिए सबसे पहले 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी जरूरी है. सब कुछ स्पेक्ट्रम पर ही निर्भर करेगा. देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने हाल में कहा था कि 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 2020 से पहले से नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि उद्योग को अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के लिए भारत चीजों को भारत के अनुरूप करने की जरूरत है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.