1,00,000 करोड़ रुपये के कालेधन का खुलासा

नयी दिल्ली : काला धन के खिलाफ सरकार की मुहिम को बड़ी सफलता मिली है. आयकर विभाग ने देश में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के काला धन का पता लगाया है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने देश-विदेश में काला धन का पता लगाने और उसे भारत लाने के उपाय सुझाने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2014 7:36 AM
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नयी दिल्ली : काला धन के खिलाफ सरकार की मुहिम को बड़ी सफलता मिली है. आयकर विभाग ने देश में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के काला धन का पता लगाया है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने देश-विदेश में काला धन का पता लगाने और उसे भारत लाने के उपाय सुझाने के लिए भारत सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) को सौंपी गयी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.

सरकार ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता लगाया है. यह आंकड़ा आयकर विभाग द्वारा इससे पिछले वर्ष कालेधन का पता लगाने के लिए मारे गये छापों के दौरान जब्त राशि के मुकाबले दोगुने से भी अधिक है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आयकर विभाग ने मार्च में समाप्त वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान 10,791.63 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया, जबकि इसी अवधि के दौरान देश भर में किये गये सर्वे ऑपरेशन में 90,390.71 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति का पता लगाया. इसमें 71,195 करोड़ रुपये सिर्फ एक कॉरपोरेट कंपनी से संबंधित है, जो ऊर्जा क्षेत्र की बड़ी कंपनी है.

कंपनी से आयकर विभाग ने कर चुकाने के लिए कहा, तो उसने इनकार कर दिया. अब मामला कोर्ट में है. विभाग की तलाशी और छापे के अभियान तथा सर्वे ऑपरेशन में कुल मिला कर 1,01,181 करोड़ रुपये का पता लगाया गया, जिसका कोई हिसाब-किताब नहीं था.

इससे पहले 2012-13 में आयकर विभाग ने तलाशी और सर्वे दोनों के जरिये केवल 29,628 करोड़ रुपये का पता लगाया. विभाग ने 2013-14 के दौरान आभूषण, सावधि जमाओं और 807.84 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की. इस दौरान विभाग ने 4,503 वारंट जारी किये और 569 संस्थानों की तलाशी ली. वित्तीय वर्ष 2012-13 की तुलना में इस बार वारंट की संख्या में भी जोरदार इजाफा देखा गया. 2013-14 में 3,889 वारंट जारी किये गये. आयकर की धारा 133 के तहत विभाग ने वर्ष 2012-13 में 4,630 प्रतिष्ठानों पर सर्वे ऑपरेशन चलाया, तो 2013-14 में यह संख्या 5,327 रही.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि कर चोरी कर सरकारी खजाने को चपत लगानेवाले व्यक्तियों, फर्मों, व्यावसायिक संस्थानों, कंपनियों, कॉरपोरेट घरानों और अन्य वित्तीय संस्थानों का पता लगाने के लिए आयकर विभाग तलाशी अभियान और सर्वे ऑपरेशन चलाती है. तलाशी अभियान में विभाग के अधिकारी किसी कंपनी के कार्यस्थल और आवास दोनों जगह छापा मारते हैं, जबकि सर्वे में केवल व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में ही तलाशी ली जाती है.

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